धर्मशाला: साहित्यकार-कवि, संगीतज्ञ व नाटककार मास्टर मित्रसेन थापा की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुक्रवार(29 दिसंबर) को मास्टर मित्रसेन साहित्य संगीत सभा भागसू धर्मशाला द्वारा भागसू सदन गोरखा भवन श्यामनगर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मास्टर मित्रसेन के कला, साहित्य, भजन-गीत, नाटकों व समाज के लिए प्रदान किए गए योगदान को याद किया गया, और उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की गई.
कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में साहित्यकार डॉ. गौतम शर्मा व्यथित ने शिरकत की. इसके साथ ही अति विशिष्ठ अतिथि डॉ रेखा डढवाल, विशिष्ठ अतिथि कर्नल जीबी थापा, विशेष अतिथि हिमाचल प्रदेश गोरखा ऐसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा ने शिरकत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीत सभा की अध्यक्षा साधना नेपाली ने की.
मुख्यातिथि डॉ. गौतम व्यथित ने मास्टर मित्रसेन थापा के साहित्य, संगीत व समाज को प्रदान किए गए योगदान को अतुलनीय बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने देह जरूर त्याग दी है, लेकिन वह आज भी अपनी संस्कृति को जीवंत करके जीवित हैं. उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहने वाले लोग हमेशा आगे बढ़ते हैं, ऐसे में इस तरह का कार्यक्रम होना समाज के लिए बेहतरीन कदम है.
इस मौके पर रिटायर्ड मेजर हेमंत कुमार गुंरग ने मास्टर मित्रसेन थापा की जीवनी के बारे में बताया और सभी लोगों को प्रेरित किया. इसके साथ ही कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें चंद्ररेखा डढ़वाल, डॉ प्रत्यूष गुलेरी, पूर्व एएचएएस प्रभात शर्मा, डॉ वायके डोगरा, रमेश मस्ताना, लक्ष्मीनारायण, ईश्वर सिंह थापा, सूर्या विजय, बबिता ओबराय, प्रवीण मेहता सहित उभरते हुए कवियों ने भी भाग लिया.
डॉ. सुमन शर्मा ने नेपाली-गारेखा इतिहास के बारे में बाते सांझा की.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार