अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीकी आ गई है. मुख्य मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम विराजेंगे. वहीं मुख्य राम मंदिर के अलावा सात अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी बनाए जा रहे हैं. ये मंदिर परिसर की शोभा चार चांद लगाएंगे.
दरअसल, मुख्य मंदिर से थोड़ा हटकर आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिरों को जगह दी गई है. इनमें महर्षि वाल्मिकी मंदिर, महर्षि वशिष्ठ मंदिर, महर्षि विश्वामित्र मंदिर, महर्षि अगस्त्य मंदिर, निषाद राज, माता शबरी, देवी अहिल्या मंदिर लोगों को त्रेतायुग से सीधा जुड़ाव महसूस कराएंगे.
बता दें कि राम की नगरी अयोध्या को त्रेतायुग की थीम पर सजाया जा रहा है. सरकार ने अयोध्या में लाखों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का खाका खींचा है. कॉरिडोर में अलग-अलग मंदिर बनाए जा रहे हैं.
गौरतलब है, अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को नए राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. इस दिव्य और भव्य राम मंदिर में एक आयताकार परिधि परकोटा होगा. इस परकोटा के चारों कोने सूर्य भगवान, मां भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित होंगे. उत्तरी दिशा में मां अन्नपूर्णा के एक मंदिर का निर्माण होगा. दक्षिण की तरफ भगवान हनुमान, उत्तरी कोने में माता अन्नपूर्णा के मंदिर बनेंगे और अयोध्या के कुबेर टीला पर जटायु की मूर्ति स्थापित की गई है. श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन के बाद वापस लौटते समय इन सभी मंदिरों के दर्शन कर पाएंगे.
वहीं अयोध्या में सड़कों के किनारे सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं, जो भगवान राम के सूर्यवंशी होने के प्रतीक को दर्शाते हैं. रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्री राम जन्मभूमि पथ तैयार हो गए हैं. श्रद्धालु जब इन सड़कों से गुजरेंगे तो किनारों पर खड़ी की गई दीवार पर वह रामायण काल के प्रसंगों को देख पाएंगे. राम मंदिर के 70 एकड़ के परिसर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हरे पेड़ों से सुसज्जित होगा.
ढाई एकड़ में बना राम मंदिर तीन मंजिले का है और इसकी ऊंचाई 162 फीट है. मंदिर में 12 द्वार होंगे. सिंह द्वार से राम मंदिर में प्रवेश करने से पहले पूर्वी दिशा में एक मुख्य द्वार बनाया जा रहा है, जहां से श्रद्धालु परिसर में प्रवेश करेंगे. मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार ‘सिंह द्वार’ होगा. राम मंदिर में कुल 392 पिलर होंगे इसमें गर्भगृह में पिलरों की संख्या 160 और ऊपरी तल में 132 होंगी. जबकि मंदिर के लिए कुल पांच गुंबद बनाए जाएंगे.
बात करें अगर रामलला की मूर्ति की तो यह 51 इंच की बनाई गई है. भगवान राम के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु पंचदेवों के दर्शन और परिक्रमा करके विधिवत रूप से अपनी पूजा पूरी कर सकेंगे.