शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष मानसून के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के ‘पुनर्वास’ के लिए मंगलवार (26 दिसंबर ) को जिला शिमले के आपदा प्रभावितों को ठियोग में 22.81 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की. मुख्यमंत्री ने ठियोग अग्निशमन चौकी को स्तरोन्नत करने की भी घोषणा की.
दरअसल, आपदा के दौरान जिला शिमला में 395 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे, जबकि 458 कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा और 354 किसानों को पशुधन का नुकसान हुआ. मंगलवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा राशि के रूप में 395 प्रभावित परिवारों को प्रथम किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपये के तौर पर 11.85 करोड़ रुपये तथा अन्य 1840 प्रभावितों को 10.96 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जिला स्तरीय अस्पताल बनाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी, जिसके लिए राज्य सरकार सर्वे करवाएगी. उन्होंने ठियोग अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को जल्द पूरा करने तथा अत्याधुनिक मशीनें लगाने का आश्वासन दिया और कहा कि क्षेत्र के विकास में धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा. उन्होंने ठियोग अग्निशमन चौकी को स्तरोन्नत करने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अगले वर्ष से सेब की बिक्री यूनिवर्सल कार्टन में ही होगी, ताकि 20 किलो की पेटी में 20 किलो सेब की ही बिक्री हो. उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य सरकार ने सेब को प्रति किलो की दर से बेचना सुनिश्चित बनाया है, ताकि सेब बागबान लाभान्वित हो सके. उन्होंने कहा कि पराला मंडी के निर्माण कार्य को जून माह तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सड़क को चौड़ा करने के लिए अभी भी लगभग 10 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसका प्रावधान किया जाएगा तथा इसे भी जून तक पूरा किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सेब बागबानों की सुविधा के लिए छैला-कुमारहट्टी सड़क को सीआरआईएफ में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि एचपीएमसी के माध्यम से मिलने वाले उपकरणों, खाद तथा कीटनाशकों पर अनुदान को बढ़ाया गया है, ताकि बागबानों को यह सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि सेब के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक डेढ़ रुपये की बढ़ोतरी की गई तथा सेब का खरीद मूल्य 10.50 से 12 रुपये किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों की मदद बिना केंद्र सरकार की सहायता की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार ने प्रदेश में आई आपदा के लिए कोई भी विशेष राहत पैकेज नहीं दिया है. यही नहीं, जब विधानसभा में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर प्रस्ताव आया तो, भाजपा का कोई भी विधायक इसके समर्थन में सामने नहीं आया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान राहत कार्यों की उन्होंने स्वयं दिन-रात निगरानी की तथा अधिकारियों, कर्मचारियों और आम लोगों के सहयोग से 48 घंटे के भीतर सभी आवश्यक सुविधाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया गया और 75 हजार से अधिक पर्यटकों व 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला.
सभार- हिन्दुस्थान समाचार