नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार (26 दिसंबर ) को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके सटीक और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा सेट तैयार करने की आवश्यकता है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस), भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) और भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रोबेशनर्स ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की. प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक सेवा उन्हें शासन प्रणाली में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की सेवा करने का अवसर देगी. वे अपने-अपने क्षेत्रों में नवोन्वेषी, स्मार्ट और नागरिक-केंद्रित कार्यप्रणाली के माध्यम से भारत की विकास यात्रा में अत्यधिक योगदान दे सकते हैं. राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को यह याद रखने की सलाह दी कि उनके कार्यों और निर्णयों का सभी नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उनमें से प्रत्येक अपने काम में जो सत्यनिष्ठा, कड़ी मेहनत और ईमानदारी दिखाता है, वह हमारे लोगों के विकास की गति निर्धारित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी.
राष्ट्रपति ने भारतीय सांख्यिकी सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि डेटा या सांख्यिकी नीतियों के निर्माण से लेकर कार्यक्रमों और योजनाओं के परिणामों का विश्लेषण करने तक की सभी गतिविधियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण आधार बनता है. अंतरराष्ट्रीय मानकों की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके सटीक और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा सेट तैयार करने की आवश्यकता है. अनेक चैनलों के माध्यम से सूचना की बढ़ती उपलब्धता के साथ, प्रामाणिक और सटीक आंकड़ों का महत्व कई गुना बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि आईएसएस अधिकारियों को आधिकारिक आंकड़ों को संकलित करने और सर्वेक्षण कार्यों के प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, डेटा साइंस और अन्य क्षेत्रों के नवीनतम तरीकों का उपयोग करने की आवश्यकता है.
भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनसे सार्वजनिक विश्वास के संरक्षक और वित्तीय विवेक के संरक्षक के रूप में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है. उन्हें निर्णय लेते समय और कार्रवाई करते समय हमेशा सत्य, पारदर्शिता और निष्पक्षता के मूल्यों का पालन करना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें ऐसी संस्था का हिस्सा होने पर गर्व होना चाहिए, जिसने वर्षों से शासन प्रणाली में अपनी स्थिति मजबूत की है. इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाना उन जैसे युवा अधिकारियों का कर्तव्य है.
भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें कई कर्तव्यों और करों के प्रशासन और संग्रह का काम सौंपा जाएगा. विविध कार्यों को कुशलता से करने के लिए उन्हें सभी क्षेत्रों में नवीनतम प्रगति के बारे में अद्यतन रहने की आवश्यकता है और साथ ही अन्य सेवाओं और विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने की भी आवश्यकता है.
सभार- हिन्दुस्थान समाचार