धर्मशाला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार 31 मार्च से पहले हिमाचल में सरकारी क्षेत्र में 20 हजार युवाओं को नौकरियां देगी. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आउटसोर्स प्रचलन को कम करेगी और उनके अनुभव के आधार पर युवाओं को सरकारी क्षेत्र में नौकरी देने की दिशा में आगे बढ़ेगी. विधानसभा के आखिरी दिन नियम-130 के तहत लाए गए प्रस्ताव सरकारी नौकरियां देने में असमर्थ और आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने बारे तथा भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की जांच और कार्यालयों के पुन: स्थापित करने बारे लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार में संरक्षण देने पर विचार कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक भर्ती मामले पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आयोग को भंग कर दिया और नए आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी. इसके लिए सरकार ने सानन कमेटी का गठन किया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आयोग में मुख्य प्रशासन, प्रशासनिक अधिकारी, संयुक्त नियंत्रक वित्त, विधि अधिकारी और प्रबंधन सूचना प्रौद्योगिकी के एक-एक पद को स्वीकृति प्रदान कर दी है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थियेटर सहायक समूह के 162 पदों की लिखित परीक्षा को पॉयलट आधार पर करवाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी है. पदों को भरने की अगली प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि वह सरकारी क्षेत्र में 1 लाख नौकरियां देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा 5 लाख नौकरियों के अवसर पैदा करने की बात कही है और इस दिशा में सरकार ने 680 करोड़ की स्टार्टअप योजना शुरू की है. जिसके तहत ई-व्हीकल के लिए 800 युवाओं ने आवेदन किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग को लेकर 34 शिकायत पत्र प्राप्त हुए जिसके आधार पर 11 एफआईआर हुई और 34 को गिरफ्तार किया गया है. इसमें 9 शिकायतों के आरोप सिद्ध न होने पर इनकी जांच को बंद कर दिया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार