“बर्फीले पहाड़ों का प्रांत” हिमाचल प्रदेश वैसे को किसी न किसी खबर को लकर अक्सर सुर्खियों में बना ही रहता है, प्रदेश में होने वाली बड़ी घटनाएं खासतौर पर देश का ध्यान खींचती हैं. इस साल भी ऐसे कई मुद्दे और घटनाएं रही जिसने न केवल पूरे देश का ध्यान अपनी तरकफ खींचा बल्कि लोगों को इनके बारे में सोचने पर भी मजबूर कर दिया . साल 2023 खत्म होने जा रहा है ऐसे में इसके जाते-जाते ऐसी ही कुछ प्रमुख घटनाओं पर नजर डालते हैं जिनके चलते उत्तरा खंड लाइमलाइट में रहा-
निराश्रित बच्चों को दिया अधिकार
6 अप्रैल, 2023 को हिमाचल प्रदेश पूरे देश का पहला ऐसा राज्य बन गया, जहां कानून के तहत निराश्रित बच्चों को उनका अधिकार दिया गया.
प्राकृतिक आपदा में सैकड़ों मौतें और हजारों से छीने घर
इस साल सबसे ज्यादा ध्यान अगर किसी घटना ने खींचा तो वो है जुलाई महीने में जब हिमाचल के जिला मंडी और कुल्लू में बारिश की वजह से भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा हुई, मकान ढह गए. सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए मोर्चा संभाला. सीएम सुक्खू ने ग्राउंड जीरो पर उतरे और प्रशासन ने 70 हजार पर्यटकों को अपने घर पहुंचाया. जिन लोगों के घर आपदा में ढेए गए उन्हें भी तत्काल सुविधा प्रदान करवाई गईं.
मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष- 2023 का गठन
फिर 13 अगस्त की रात जोरदार बारिश ने शिमला को अपना शिकार बनाया. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष- 2023 का गठन किया गया. इस कोष में प्रदेश वासी अब तक करीब 300 करोड़ रुपए का दान दे चुके हैं. जुलाई अगस्त को मिलाकर कुल 500 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
4.68 करोड़ रुपए की राशि वितरित
3 अक्टूबर, 2023 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो हजार 466 बच्चों को 4.68 करोड़ रुपए की राशि वितरित की. साथ ही इन बच्चों के लिए लैपटॉप और स्मार्ट मोबाइल फोन का भी प्रबंध किया गया, जिससे बच्चों को पढ़ाई में कोई परेशानी न हो. बहुत से निराश्रित बच्चों को सरकार द्वारा स्टार्टअप के लिए भी आर्थिक मदद प्रदान की गई.
देश का सर्वश्रेष्ठ बागवानी राज्य
हिमाचल प्रदेश को 25 दिसंबर को देशभर में सर्वश्रेष्ठ बागवानी राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
सुक्खू मंत्रिमंडल का विस्तार
सीएम सुक्खू ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा राजेश धर्माणी व यादवेंद्र गोमा को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
विधानसभा में चार संशोधन विधेयक पारित
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा सत्र में सरकार ने पर्यटन विकास एवं पंजीकरण कानून में संशोधन विधेयक को 21 दिसंबर को ध्वनिमत से पारित किया. बिना पंजीकरण करे इन इकाईयों को चलाने वालों पर 1 लाख रुपए का जुर्माना होगा.
हिमाचल शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन (23 दिसंबर ) तीन विधेयकों को पारित किया गया. हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 विधानसभा में पारित.
हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर संशोधित विधेयक सदन में पारित. इसके तेहत अब जल उपकर आयोग का नाम बदलकर जल आयोग किया गया.
भारतीय स्टांप (हिमाचल प्रदेश द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 सदन में पारित. इसके अनुसार पहली बार खनन पट्टे की लीज और कंपनी हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा. कंपनी हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क बाजार मूल्य का 8 प्रतिशत और खनन पट्टे पर बाजार मूल्य या वार्षिक रॉयल्टी का 6 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगाना किया गया.
संजौली-ढली टनल का उदघाट्न