दुनिया में सबसे अधिक लोगों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार क्रिसमस सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने और प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करने वाला त्योहार बन गया है. विश्व भर में क्रिसमस में कार्ड, उपहार, गिफ्ट रैपिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक शामिल होते हैं, जिसके कारण यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में मुख्य रूप से लैंडफिल भर जाता है. इसके अलावा, भोजन की बर्बादी, प्लास्टिक और असली क्रिसमस पेड़ों का उपयोग और फेंकना इसे पर्यावरण की दृष्टि से सबसे हानिकारक त्योहारों में से एक बनाता है. ऐसा हम नहीं कह रहें तमाम रिपोर्ट्स इसके साक्ष्य हैं.
ढेरों टन पेपर की बर्बादी
क्या आपको पता है सिर्फ अकेले यूनाइटेड किंगडम में उपयोग की जाने वाली क्रिसमस कार्ड सामग्री की मात्रा दिल्ली और बेंगलुरु के बीच की 2365 किमी की दूरी को लगभग 100 बार कवर कर सकती है.
यूके के रॉयल मेल का अनुमान है कि वह अभी भी क्रिसमस अवधि के दौरान 150 मिलियन कार्ड वितरित करता है, जबकि अन्य स्रोतों का दावा है कि यूके में वार्षिक एक अरब क्रिसमस कार्ड बेचे जाते हैं. वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका में हॉलमार्क और ग्रीटिंग कार्ड एसोसिएशन का अनुमान है कि लगभग 1.3 बिलियन कार्ड हर साल भेजे जाते हैं. बता दें, 3,000 क्रिसमस कार्ड बनाने के लिए एक पेड़ की आवश्यकता होती है. इस हिसाब से हर साल क्रिसमस के लिए लगभग 433,333 पेड़ काटे जाते हैं. पूरे विश्व भर में, लगभग 1 बिलियन से अधिक क्रिसमस कार्ड फेंक दिए जाते हैं, जो 33 मिलियन पेड़ों के बराबर है.
पैकेजिंग मटेरियल की बर्बादी
यूनाइटेड किंगडम में उपभोक्ता हर साल 227,000 मील (3,65,321 किलोमीटर) रैपिंग पेपर का उपयोग करते हैं. यह कश्मीर से कन्याकुमारी के बीच की दूरी को लगभग 100 बार तय कर सकता है. वहीं आस्ट्रेलिया में क्रिसमस उपहार के लिए जितने रैपिंग पेपर का उपयोग करता है, अगर उन सभी को जोड़ा जाए तो उसकी लंबाई 150,000 किलोमीटर होती है. और हर साल क्रिसमस के दौरान, 228,000 मील रैपिंग पेपर फेंक दिया जाता है, जो पृथ्वी से चंद्रमा तक जाने के लिए औसत दूरी है.
फेंके गए लाइट्स
बात करें क्रिसमस में उपयोग होने वाली लाइट्स की तो यदि आप हर साल फेंकी गई सभी क्रिसमस पर रोशनी को फैला दें तो यह 70,000 मील तक फैल जाएगी. इससे वेस्टलाइट्स का उपयोग करके हम पृथ्वी का लगभग 3 बार चक्कर लगा सकते हैं.
खाने की बर्बादी
आस्ट्रेलिया हर साल 5 मिलियन टन से अधिक भोजन लैंडफिल के रूप में समाप्त कर देता है. यूके में क्रिसमस के दौरान, 2 मिलियन टर्की, 5 मिलियन क्रिसमस पुडिंग और 74 मिलियन कीमा पाई को खाने योग्य होते हुए भी नष्ट कर दिया जाता है, जिससे कुल मिलाकर लगभग 270,000 टन भोजन बर्बाद होता है. क्रिसमस पर 2 मिलियन किलोग्राम पनीर कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है.
डेफ्रा (पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों का विभाग) का अनुमान है कि हर साल क्रिसमस पर इस्तेमाल किया जाने वाला कागज 78 किमी स्क्वायर में फैले ग्वेर्नसे द्वीप को लपेटने के लिए पर्याप्त है.
पेड़ों को काटना और फेंकना
ग्रेट ब्रिटेन में सालाना लगभग 8 मिलियन पेड़ों की खपत होती है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में क्रिसमस के मौसम के दौरान 35 से 40 मिलियन पेड़ बेचे जाते हैं. हर क्रिसमस पर दुनिया भर में 120 मिलियन पेड़ काटे जाते हैं. उत्सव के बाद, 160,000 टन से अधिक क्रिसमस पेड़ों को फेंक दिया जाता है. हर क्रिसमस पर लाखों पेड़ों को काटने के परिणामस्वरूप 2-3 बिलियन किलोग्राम से अधिक कार्बन फुटप्रिंट होता है.
प्रकृति को नुकसान पहुंचाता प्लास्टिक वेस्ट
वाइल्डलाइफ एंड कंट्रीसाइड लिंक के अनुसार क्रिसमस 2022 के दौरान यूके में लगभग 114,000 टन प्लास्टिक पैकेजिंग को फेंक दिया गया और फिर कभी उपयोग में नहीं लाया गया. 2022 में क्रिसमस पर अकेले आयरलैंड गणराज्य ने 97,000 टन पैकेजिंग कचरा उत्पन्न किया था. न्यूजीलैंड द्वारा उत्पन्न कचरा 14000 शिपिंग कंटेनरों को भर सकता है और यदि इन्हें दूसरे के ऊपर व्यवस्थित किया जाए, तो यह माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से 3 गुना अधिक हो सकता है.
क्रिसमस का बाजारीकरण, इसका का महिमामंडन न केवल संस्कृतियों को नष्ट कर रहा है बल्कि देश, सीमा, धर्म की परवाह किए बिना जेबों को खाली करवा रहा और हमारे पर्यावरण को खोखला करता जा रहा है. आज हालात यह हैं कि भारत के स्कूलों में भी क्रिसमस के नाम पर बच्चों से प्रोजेक्ट तैयार कराए जाते हैं. इसके पीछे की सच्चाई यह है कि ऐसा करवाकर इस त्योहार के प्रति मासूम बच्चों के मन में ईसाई धर्म प्रति रूचि पैदा की जाती है. परिणाम यह होता है कि पर्यावरण विरोधी पश्चिमी ट्रेंड से हम खुद को अपने घरों में ढालना शुरू कर देते हैं.