शिमला: हिमाचल राजभवन शिमला के रेडक्रॉस भवन में शनिवार को रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से रक्तदान व अंगदान शिविर लगाया गया. इसमें स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) की ओर से रक्तदाताओं को अंगदान के बारे में जानकारी दी गई. इस मौके पर मुख्य अतिथि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने सोटो का स्टाल विजिट किया.
सोटो के स्टाफ ने राज्यपाल को प्रदेश भर में अंगदान के प्रति फैलाई जा रहे जागरूकता अभियान के बारे में अवगत करवाया. उन्होंने अंगदान के प्रति जारी मुहिम को सराहा.
सोटो के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार व आईसी मीडिया कंसलटेंट रामेश्वरी ने बताया कि ब्रेन डेड की स्थिति में व्यक्ति अंगदान करके आठ लोगों का जीवन बचा सकता है. अंगदान किसी भी जाति, वर्ग, आयु व लिंग का व्यक्ति कर सकता है. इसके लिए परिवार जनों की सहमति होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सोटो के माध्यम से व्यक्ति घर बैठे अंगदान की शपथ ले सकता है. यह प्रक्रिया आधार लिंक होती है. रजिस्ट्रेशन करने के बाद व्यक्ति को शपथ पत्र सर्टिफिकेट भी प्राप्त होता है. कई लोगों ने अंगदान की महत्वता को समझते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया.
उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि समाज के विभिन्न वर्गों में अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाएं ताकि जरूरतमंद को नई जिंदगी मिल सके. देश भर में प्रतिदिन 6000 मरीज समय पर ऑर्गन ना मिलने के कारण मरते हैं जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. समाज में अंगदान को लेकर अलग-अलग भ्रांतियां फैली हुई है.
उन्होंने कहा कि भ्रांतियों को समय रहते दूर किया जाना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए. इससे प्रभावित मरीजों का सर्वाइवल रेट बढ़ सकता है . हर साल करीब दो लाख लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है. बदलती जीवन शैली के चलते ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय की बीमारी, ब्रेन स्ट्रोक व फेफड़े की बीमारियां बढ़ती जा रही है. इसकी वजह से किडनी हॉर्ट और लीवर बड़ी संख्या में फेल हो रहे हैं.
हिन्दुस्थान समाचार