धर्मशाला: हिमाचल विधानसभा में नियम-62 के तहत चर्चा के दौरान भाजपा विधायक पवन काजल ने गग्गल एयरपोर्ट विस्तारीकरण पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इससे 1,500 परिवार उजड़ रहे हैं तथा यदि सरकार ने उनका पक्ष नहीं सुना तो वह अंतिम समय तक प्रभावितों के साथ खड़ा रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसी को उजाड़कर एयरपोर्ट विस्तार करना गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि जमीन गंवाने वाले लोगों को मिलने वाले मुआवजे में भी भारी अंतर है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसके उत्तर में कहा कि कांगड़ा को टूरिज्म कैप्टिल बनाए जाने के कारण इस एयरपोर्ट का विस्तार होना जरुरी है, जिससे जिला की आर्थिकी बदलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार बल्ह में एयरपोर्ट निर्माण में भी आगे बढ़ रही है तथा पालमपुर और चंबा में हैलीपोर्ट भी बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को आने वाले समय में पर्यटन एवं विद्युत क्षेत्र में ही आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है.
विधायक होशयार सिंह ने नियम-62 के तहत पौंग बांध प्रभावित क्षेत्र में इको सैंसटिव जोन बनाए जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इस निर्णय का विरोध किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक पौंग बांध के कारण विस्थापित हुए 7 हजार लोगों को उनका हक नहीं मिल जाता, तब तक प्रदेश ऐसे मामलें पर किसी तरह की अनुमति देना गलत है. मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि यह सब पूर्व भाजपा सरकार का किया कराया है.
उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर 27 दिसम्बर को बैठक रखी गई है, जिसमें सरकार अपने पक्ष को प्रभावी तरीके से रखेगी. विधानसभा में 3 विधेयकों की पुरस्थापना भी की गई. इसमें हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचयर संशोधन विधेयक, हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक तथा भारतीय स्टाम्प विधेयक शामिल है. मुख्यमंत्री ने सदन में जल प्रदूषण की रोकथाम से संबंधित सरकारी संकल्प भी प्रस्तुत किया.
विधानसभा में इसके बाद नियम-130 के तहत कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने प्रदेश में भारी बरसात के कारण हुए नुकसान को लेकर प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. केवल सिंह पठानिया ने कहा कि प्रतिकूल हालात में प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद करवाने का प्रयास किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यों को विश्व स्तर एवं केंद्रीय एजैंसियों के साथ राज्यपाल तथा पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी सराहा है.
विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में जब प्राकृतिक आपदा आई तो उस समय सरकार ने मानसून सत्र को बुलाने तथा मंत्रिमंडल बैठक बुलाने में देरी की. उन्होंने यह भी कि इस महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री अनुपस्थित है, जो सरकार की गंभीरता को दर्शाता है. विधायक राजेंद्र राणा सहित अन्य विधायकों ने चर्चा में भाग लेते हुए अपने पक्ष रखे.
हिन्दुस्थान समाचार