धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश को साल 2030 तक एड्स मुक्त बनाया जाएगा. इस संदर्भ में प्रदेश में विधायी मंच का गठन होगा. मंच के गठन को लेकर संकल्प गुरुवार (21 दिसंबर) को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने विधानसभा में प्रस्तुत किया. विधायी मंच, प्रदेश में एड्स जागरुकता को लेकर व्यापक अभियान चलाएगा. एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों और उनके परिवारों के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर भेदभाव कम करना, ऐसे परिवारों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका कमाने की सुविधा आसानी से प्रदान करने के लिए भी यह मंच काम करेगा.
हिमाचल में वर्तमान में 5561 व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हैं. इन सभी का छह एआरटी केंद्रों में निशुल्क उपचार किया जा रहा है. प्रदेश में एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शिक्षण संस्थानों में रेड रिबन क्लब बनाए गए हैं. 55 आईसीटीसी केंद्रों में एचआईवी की मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है. इसके बावजूद एचआईवी संक्रमण पर नकेल नहीं कस रही. लिहाजा व्यापक स्तर पर तमाम जागरुकता अभियानों को चलाने का कार्य प्रस्तावित विधायी मंच करेगा. मंच के गठन के प्रस्ताव को मंजूर किए जाने के बाद अब सरकार इसके सदस्यों को नामित करेगी. इसके पश्चात मंच अपना कार्य शुरू करेगा.