धर्मशाला: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि एचपीएमसी बागवानों को वर्तमान दरों पर प्रदान किए जा रहे कृषि उपकरणों की कीमतों को कम करेगी. बागवानों को राहत प्रदान करने के मकसद से एचपीएमसी ने अपनी कमीशन को 15 से घटाकर 9 फीसदी करने का फैसला किया है. यह निर्णय बीते रोज हुए एचपीएमसी के निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया. उन्होंने कहा कि एचपीएमसी अब उपकरणों को सीधे इनके निर्माताओं से खरीदेगी.
विधानसभा में वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य भुवनेश्वर गौड़ के प्रश्न का उत्तर देते हुए बागवानी मंत्री ने कहा कि बीते चार सालों में वर्ष 2022 तक एचपीएमसी और हिमफैड ने बागवानों से एमआईएस के तहत 240 करोड़ रुपये से अधिक के फलों की खरीद की है. इस राशि में से 183.81 करोड़ रुपये का भुगतान बागवानों को कर दिया गया है. भुगतान नकद के साथ-साथ उपकरणों, कीट व फफूंदनाशक मुहैया करवाकर किया गया. अभी भी एचपीएमसी और हिमफैड ने बागवानों को 28.73 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान किया जाना है.
बागवानी मंत्री ने बताया कि एचपीएमसी ने एमआईएस के तहत बागवानों को खरीदे फलों के एवज में उन्हें 15.87 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जबकि हिमफैड ने बीते चार सालों का वर्ष 2022 तक 12.86 करोड़ रुपये का भुगतान करना है.
अनुपूरक सवाल करते हुए गौड़ व बलबीर वर्मा ने बागवानी मंत्री से जानना चाहा कि बागवानों से एमआईएएस के तहत खरीदे गए फलों का नकद भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा. साथ ही उन्हें सरकारी उपक्रमों से महंगी दरों पर उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं. भाजपा सदस्य बलबीर वर्मा ने कहा कि सरकार को छोटे व मझोले बागवानों को कीट व फफूंदनाशक के बजाय एमआईएस के फलों की खरीद का नकद भुगतान करना चाहिए.