कुल्लू। खराहल घाटी के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए जगमोहन ठाकुर के परिवार ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। परिवार ने आरोपियों को बचाने और भेदभाव करने के भी पुलिस पर आरोप लगाए हैं।
लापता हुए जगमोहन की पत्नी शकुंतला, बेटा अभिषेक, महिला सोनिया और राजपूत सभा के जितेंद्र ने सोमवार को कुल्लू में कहा कि 4 नवंबर से जगमोहन लापता है लेकिन पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं जुटा पाई। बल्कि तथ्यों को छुपाया जा रहा है। हैरानी का विषय है कि इतना लंबा वक्त बीत जाने के बाद जिन पर आरोप हैं उनकी काल डिटेल तक भी नहीं निकाल पाई है।
उन्होंने खराहल की ही एक महिला पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो साल से महिला के साथ फोन पर बात करता था। महिला से आखिर पूछताछ क्यों नहीं की जा रही। फोन की काल डिटेल निकाल कर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रहे। लापता हुए जगमोहन की 4 नवंबर को किस किस से बता हुई इस बारे में जांच क्यों नहीं की जा रही।
उन्होंने आरोप लगाया कि 8 नवंबर को शिकायत दर्ज करवाई गई और 14 दिसंबर तक जांच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता पक्ष की पूरी तरह अनदेखी की गई। यहां तक की जगमोहन के बेटे से किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए गए जिसके बारे में वह अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा जब उन्होंने रोष प्रदर्शन करने की बात कही तो पहले जांच अधिकारी जगदीश की जगह दूसरे अधिकारी को तैनात कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में जांच अधिकारी का रवैया ठीक था लेकिन जब महिला से पूछताछ शुरू हुई तो जांच अधिकारी का रवैया ही बदल गया था। उन्होंने साफ किया कि अगर 7 दिन के भीतर जगमोहन का पता नहीं चला तो वह भूख हड़ताल पर बैठने को विवश होंगे। जिसकी जिम्मेवारी पूरी तरह जिला प्रशासन ओर पुलिस की होगी।