शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में चल रहे उद्योगों को माफिया डरा धमका रहा है जिसके कारण वे प्रदेश छोड़कर जाने का अल्टीमेटम दे रहे हैं और मुख्यमंत्री दुबई में जा कर निवेशकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें यहां निवेश का निमंत्रण दे रहे हैं. जयराम का कहना है कि प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाना सरकार का काम है. जब उद्योगों के अनुकूल माहौल रहेगा, तो निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए स्वयं आयेंगे.
जयराम ठाकुर ने रविवार को कहा कि कोई भी उद्योगपति किसी जगह निवेश के पहले वहां के हालात देखता है, सर्वे करवाता है. उस जगह के हालात समझता है. आज कोई उद्योगपति हिमाचल में उद्योग लगाने के पहले जब सर्वे करवाएगा तो उसे क्या पता चलेगा? यही कि यह सरकार पिछली सरकार द्वारा उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं को रोक दिया. क़ानूनों को सख़्त कर दिया, रियायतों को ख़त्म कर दिया और जो सब्सिडी देने की जगह पर अतिरिक्त टैक्स लगा रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि माफिया उद्योगपतियों को इस कदर डरा-धमका रहा है कि उद्योगपति अपना कारोबार बंद करने का सरकार को अल्टीमेटम दे रहे है. अपना कारोबार अन्य राज्यों में ले जाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. माफिया बिना सत्ता के संरक्षण के इतना ताकतवर कैसे हो सकता है. मुख्यमंत्री को इन सवालों के जवाब देने होंगे.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई. कई रियायतें दी. जिससे उद्योग लगाने के लिए उद्योगपति हिमाचल आएं. पूर्व सरकार ने हिमाचल को निवेशकों के अनुकूल बनाया, जिससे प्रदेश में निवेश करने के लिए उद्योगपति राज़ी हुए थे, तमाम क़ानूनी पेचीदगियों के बाद भी हिमाचल प्रदेश ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ में पहाड़ी राज्यों में सबसे ऊपर था.
जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए धर्मशाला में इंवेस्टर समिट की थी. जिसमें 703 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के ज़रिए 96 हज़ार 721 करोड़ रुपये के निवेश पर सहमति बनी. जिसकी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी हुई.