शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आपदा के मद्देनजर प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए 4500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसके तहत शीघ्र ही जिला शिमला में कार्यक्रम आयोजित कर प्रभावित लोगों को राहत राशि प्रदान की जाएगी.
शिक्षा मंत्री ने यह बात शुक्रवार (15 दिसंबर) को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मेलठी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि गत दिनों आई आपदा से कृषि और बागवानी को काफी नुकसान हुआ था, जिसकी भरपाई के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने आपदा राहत मैन्युअल में संशोधन कर राहत राशि को कई गुना बढ़ाया है ताकि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान हो सके.
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि व बागवानी पर निर्भर है. वर्षों से राहत मैन्युअल में कृषि और बागवानी क्षेत्र में जो बढ़ोतरी नहीं हुई थी वह मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने की, जिसके तहत पूर्व में फसल के नुकसान पर मात्र 350 रुपये प्रति बीघा मिलते थे, जो अब 2 हजार रुपये प्रति बीघा किया गया है तथा मलबे से खेत को हुए नुकसान के लिए भी 5 हजार रुपये की राशि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि जमीन को स्थाई नुकसान होने पर पूर्व में 700 रुपये की राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति बीघा कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा मेंपालतू गाय की मृत्यु होने पर 35 हजार रुपये की राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 55 हजार रुपये किया गया है.
उन्होंने कहा कि विकास एक निरन्तर प्रक्रिया है, जो समय के साथ बदलती रहती है. उन्होंने कहा कि सड़कें किसी भी क्षेत्र की भाग्य रेखाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि गरोखर से नाल सड़क बहुत पुरानी सड़क है, जिसकी अपनी महत्वता है, जिसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस सड़क को विधायक प्राथमिकता में डलवाने के लिए मुख्य संसदीय सचिव एवं विधायक मोहन लाल बराकटा से अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि गरोखर से बलासन सड़क के विस्तारीकरण के लिए भी हर संभव प्रयास किए जाएंगे.