धर्मशाला। प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार में पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा को जगह नही मिल पाने से खासकर उनके समर्थकों और करीबियों में मायूसी छा गई है. सुधीर के समर्थक उन्हें मंत्रीमंडल में जगह मिलने की आस लगाए बैठे थे लेकिन सुक्खू के सियासी तीर ने सुधीर के साथ ही उनके समर्थकों को भी फिलहाल धराशाही कर दिया है. सुधीर के साथ हुए सियासी व्यवहार से धर्मशाला व कांगड़ा के लोग आहत हैं.
प्रदेश के सबसे बड़े जिला से अकसर उभरते नेताओं के सियासी पंख काटने की राजनीति भाजपा व कांग्रेस दोनों ही सरकारों में होती आई है. इससे पहले भाजपा ने कांगड़ा के जिला मुख्यालय से पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले बरिष्ठ नेता किशन कपूर को मंत्रीपद से हटाकर सांसद बना दिया था. तब से लेकर अब तक धर्मशाला में भाजपा की जड़ें नहीं जम पाई है. इतना ही नहीं पूर्व मंत्री विपिन परमार के साथ भी ऐसा हो चुका है. अब ऐसा ही व्यवहार कांग्रेस धर्मशाला के नेता सुधीर शर्मा के साथ कर रही है.
मंगलवार (12 दिसंबर) को हुए मंत्रीमंडल विस्तार में कांगड़ा को पूरा हिस्सा न मिलने यानि दूसरी बार भी मात्र एक ही मंत्री बनाए जाने से जनता में नाराजगी है. भाजपा सरकार में विपिन परमार, किशन कपूर, बिक्रम ठाकुर, सरवीन चैधरी और राकेश पठानिया मंत्री रहे. ऐसे में कांगड़ा को तीन से चार मंत्री ही मिलते रहे हैं. लेकिन सुख्खू सरकार में मात्र दो मंत्री मिलने से लोगों में नाराजगी है. कांगड़ा ही नहीं चंबा जिला से भी मंत्रीमंडल में किसी नेता को स्थान नहीं है. यही बजह है कि क्षेत्र के बृद्विजीवी कह रहे हैं अब कांग्रेस भी भाजपा की राह पर चलते हुए सुधीर शर्मा को किशन कपूर बनाने पर तुली हुई है.
कांगड़ा-चंबा के लोगों को प्रदेश सरकार के दूसरे मंत्रीमंडल विस्तार में बहुत उम्मीदें थी. पिछले दिनों सीएम के धर्मशाला प्रवास के दौरान प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ हुई बैठक के बाद से सुधीर शर्मा और यादवेंद्र गोमा के मंत्री मंडल में शामिल होने की उम्मीदें जवां होने लगी थी. लेकिन मंगलवार को मंत्रीमंडल विस्तार के बाद कांगड़ा के लोगों को जोर का झटका धीरे से लगा और सभी हक्के बक्के रह गए. पूर्व में जिला से जहां तीन से चार मंत्री सरकार में कांगड़ा का सियासी कद बढ़ाते थे. वहीं इस वार मात्र दो मंत्री देकर कांगड़ा को पूरा अधिमान नहीं मिल पाया है. क्षेत्र के ब्राहमण वर्ग में भी सरकार के इस निर्णय से खासी निराशा है.
जैसिंहपुर के विधायक यादवेंद्र गोमा को मंत्रीमंडल में स्थान देकर सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग को भी साधने का प्रयास किया है. हालांकि माना जा रहा है कि गोमा को मंत्रीमंडल में स्थान कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सिफारिश पर मिला है. गोमा साधारण व्यक्तित्व एवं हंसमुख है. गोमा आम लोगों के साथ मेल मिलाप रखने वाले नेताओं में जाने जाते हैं.