धर्मशाला। धर्मशाला में जल्द ही अब पंजाब भवन का निर्माण होगा, जिसमें प्रवासी साहित्य पर अध्ययन केंद्र की भी व्यवस्था होगी. वहीं प्रवासी साहित्य पर आधारित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशालायें भी आयोजित की जा सकेंगी. इसके अलावा प्रवासी साहित्य पर अध्ययन भी किया जा सकेगा. हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला की ओर से पंजाब भवन के निर्माण के लिए जमीन देने का प्रस्ताव है. पंजाब भवन निर्माण में जितना भी व्यय होगा उस व्यय का सारा खर्च पंजाब भवन सरी के द्वारा किया जाएगा.
इसी पहल के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के पंजाबी एवं डोगरी विभाग और पंजाब भवन सरी कनाडा के बीच अनुबंध हस्ताक्षर हुआ है. इस मौके पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल और पंजाब भवन सरी के संस्थापक सुखजिंदरजीत सिंह बाठ ने इस एमओयू पर खुशी जाहिर की है.
सुखजिंदरजीत सिंह बाठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में जल्द ही पंजाब भवन की नींव रखी जाएगी. जिसमें प्रवासी साहित्य अध्ययन भी खोला जाएगा. 2024 में दोनों संस्थाओं के सहयोग से एक विश्व कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी करवाया जाएगा. दोनों संस्थाएं मिलकर साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगी. जो विद्यार्थी पैसों के कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते ऐसे विद्यार्थियों को भी शिक्षा दिलाई जाएगी.
इस संबंध में विवि के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि विवि में पंजाबी विभाग की गतिविधियां काफी सराहनीय रही हैं. धर्मशाला में पंजाब भवन निर्माण की के लिए हर संभव मदद विवि की ओर से की जाएगी.
वहीं समझौता ज्ञापन के अनुसार पंजाब भवन धर्मशाला में पंजाब भवन सरी द्वारा जिन साहित्यकारों और चिंतकों की अनुशंसा की जाएगी, उन साहित्यकारों और चिंतकों के दिल्ली से आने-जाने और पंजाब भवन में ठहरने की पूर्ण व्यवस्था हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला द्वारा की जाएगी . हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला द्वारा पंजाब भवन के निर्माण के लिए जमीन देने का प्रस्ताव है . पंजाब भवन निर्माण में जितना भी व्यय होगा उस व्यय का सारा खर्च पंजाब भवन सरी के द्वारा ही किया जाएगा. उक्त समझौता ज्ञापन पर विवि के कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा द्वारा हस्ताक्षर किए गए .