शिमला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव एम.सुधा देवी ने मंगलवार (05 दिसंबर) को मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय चिकित्सा स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान तथा महिला एवं बाल विकास निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 67 बाल संरक्षण इकाईयों एवं बाल देखभाल संस्थाओं के कर्मचारी भाग ले रहे हैं.
एम.सुधा देवी ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को बच्चों के बचपन और उनके भावनात्मक एवं संवेदनशील अनुभवों के बारे में जागरूक करना है. साथ ही उनमें बाल अधिकारों पर आधारित दृष्टिकोणों की समझ विकसित करने तथा यह समझने में सक्षम बनाना है कि बच्चे अपने अनुभव कैसे समझते हैं. उन्होंने ज़िलों से आए बाल संरक्षण इकाईयों के प्रतिभागियों को बच्चों के सर्वोत्तम हित, बच्चों के समग्र विकास, उनकी सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की जरूरतों को सुनिश्चित करने के दृष्टिगत कार्य योजना तैयार करने के लिए भी प्रेरित किया.
महिला एवं बाल विकास निदेशक रूपाली ठाकुर ने प्रतिभागियों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान बच्चों की मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और व्यवहार सम्बंधी समस्याओं पर समझ बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम से सम्बंधित विस्तृत रूपरेखा भी प्रस्तुत की.
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान की तकनीकी और परिचालन प्रमुख शीला रामास्वामी तथा कांगड़ा क्षेत्र के लिए संवाद परियोजना प्रबंधक कृति टिक्कु बतौर प्रवक्ता इसमें शामिल हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, कांगड़ा, हमीरपुर, चम्बा और ऊना के अंतर्गत आने वाली इकाईयों और संस्थानों के कर्मचारी भाग ले रहे हैं.