विपक्षी गठवंधन I.N.D.I. अलायंस की बुधवार 6 दिसंबर को होने वाली बैठक को टाल गिया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में यह बैठक बुलाई थी. बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अलग अलग वजहों के चलते बैठक में शामिल होने में इनकार कर दिया था. कांग्रेस का कहना है कि सभी पार्टियों से बात करके एक दो हफ्ते में बैठक की नई डेट तय की जाएगी.
दरअसल, विपक्षी दल के नेता लगातार सीट बंटवारे को लेकर ‘I.N.D.I.’ अलायंस की बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 5 राज्यों में चुनाव का हवाला देकर इसे टाल दिया था. रविवार को चार राज्यों में आए नतीजों के बीच खड़गे ने 6 दिसंबर को ‘I.N.D.I. अलायंस’ की बैठक बुलाई थी. चार राज्यों में सिर्फ तेलंगाना में कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसे हार का सामना करना पड़ा है.
कांग्रेस का कहना है कि एमके स्टालिन, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ने अपनी अपनी वजहों से मीटिंग में शामिल होने से असमर्थता जताई थी. बारिश के चलते चेन्नई एयरपोर्ट बंद है, ऐसे में स्टालिन शामिल नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार की तबीयत ठीक नहीं है. जबकि ममता कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. ऐसे में बैठक की समय बदलने का फैसला किया गया है.
ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि मुझे ‘I.N.D.I.’ अलायंस की बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है. किसी ने मुझे इस बैठक के बारे में नहीं बताया और ना ही इस संबंध में मुझे कॉल कर सूचित किया गया. उत्तरी बंगाल में मेरा 6 से 7 दिन का कार्यक्रम है. मैंने अन्य योजनाएं भी बनाई हैं. अगर अब वे मुझे बैठक के लिए बुलाते हैं, तो मैं अपनी योजनाएं कैसे बदल सकती हूं.
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस, टीएमसी, राजद, जदयू, आप, सपा, डीएमके समेत 26 विपक्षी दल एक साथ आए हैं. इन विपक्षी दलों के अलायंस को ‘I.N.D.I.’ अलायंस नाम दिया गया है. ‘I.N.D.I.’ अलायंस की पहली बैठक पटना में हुई थी. जबकि दूसरी बैठक बेंगलुरु और तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित की गई थी. खड़गे ने चौथी बैठक दिल्ली में 6 दिसंबर को बुलाई थी.
इन राज्यों में हार के बाद विपक्षी पार्टियां न सिर्फ कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं, बल्कि इन राज्यों में विपक्षी दलों से अलायंस न करने का खामियाजा भी बता रही हैं. दरअसल, I.N.D.I. अलायंस में शामिल रहते हुए भी सपा ने मध्यप्रदेश में अलग चुनाव लड़ा था. पार्टी ने करीब 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन उत्साह से भरे कमलनाथ ने सपा से अलायंस करने से इनकार कर दिया था.
इसे लेकर अखिलेश ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि लोकसभा चुनाव में साथ रहना है या नहीं, वह इस पर विचार करेंगे. एमपी में अखिलेश की पार्टी ने कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया है. निवाड़ी ऐसी ही एक सीट है, जहां अगर एमपी में इंडिया अलायंस के अलायंस तले चुनाव लड़ा जाता तो नतीजे बदल सकते थे. उधर, तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद जदयू ने नीतीश कुमार को I.N.D.I. अलायंस का चेहरा बनाने की मांग उठाई है.