मंडी। अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क की स्वास्थ्य के अधिकार की यात्रा मंडी जिला के नगवाईं में संपन्न हो गई। जिसमें अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के सचिव आशा मिश्रा ने कहा कि भारत सर्वाधिक निजीकृत स्वास्थ्य व्यवस्था में शामिल है। वहीं भारत सरकार से मांग की गई कि विश्व के स्तर पर अग्रणी स्थान के लिए स्वास्थ्य के अधिकार का कानून बनाना जरूरी होगा। क्योंकि कोविड के बाद भारत विश्व में सर्वाधिक अरबपतियों की संया बढ़ाने वाला देश बन गया है।
अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जोगिंद्रर वालिया ने बताया कि इस चार दिवसीय कार्यशाला में उतरी भारत उतरी भारत के 8 राज्यों हिमाचल, हरियाणा , राजस्थान, दिल्ली , पंजाब, ज मू कश्मीर, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान 14 सत्र आयोजित किए गए जिनमें विभिन्न राज्यों से राष्ट्रीय सत्र के 8 विशेषज्ञों डॉ अभय शुक्ला, पुणे , श्रिचा चिंतन, सह संयोजक, इंदिरा चकवर्ती, अ बेडकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली, छाया पछोली, प्रयास-जयपुर, एनआर ठाकुर, हिमाचल ज्ञान विज्ञानं समिति , डॉ इंदरनील, जिंदल यूनिवर्सिटी, डॉ नफीस, अलीगढ यूनिवर्सिटी, आशा मिश्र जन विज्ञान आंदोलन, डॉ सतनाम, हरियाणा आदि स्रोत व्यक्तियों के रूप में जानकारियों को साझा की तथा प्रतिभागियों की क्षमताओं में इजाफा किया।
इन सत्रों मे प्रमुख रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल में बाधाएं, हाशिए पर खड़े लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल में स्वास्थ्य तंत्र की भूमिका, स्वास्थ्य की राजनीतिक आर्थिक, असमानता एवं स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारक, स्वास्थ्य की देखभाल में व्यापारीकरण की भूमिका, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आंकड़ों की भूमिका, देश व प्रदेशों के स्वास्थ्य क्षेत्र में वित्त की भूमिका, आसपास के क्षेत्र व संस्थाओं मे स्वास्थ्य की स्थिति को देखना, स्वास्थ्य के अधिकार के लिए जन आंदोलन, सामुदायिक भागीदारी व जवाबदारी तथा प्रभावी स प्रेषण की रणनीति, दवाओं तक पहुंच की चुनोतियां, कोविड काल में सामुदायिक भागीदारी, राज्य विशेष की स्वास्थ्य अधिकार अभियान के लिए रणनीति आदि रहे ।