शिमला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि सिरमौर जिले के हाटी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए कठिन एवं लम्बा संघर्ष किया है और उन्हें यह हक जल्द से जल्द दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। शिमला में शनिवार को एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की गयी लेकिन इस अधिसूचना में अस्पष्टता के चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। केंद्र द्वारा संपूर्ण हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है लेकिन जिसमें अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्ग भी शामिल हैं।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि कुछ वर्ग ऐसे हैं जो पूर्व में चली आ रही व्यवस्था का हिस्सा बना रहना चाहते हैं। लेकिन केंद्र द्वारा सभी को अनुसूचित जनजाति के दायरे में लाया गया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है ताकि हाटी समुदाय की समस्याओं एवं मांगों को लेकर शीघ्र समाधान निकला जा सके।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि हाटी के लोगों को शीघ्र से शीघ्र अनुसूचित जनजाति से सम्बंधित लाभ मिले। उन्होंने जनजातीय विकास विभाग से कानूनी प्रावधानों के तहत हाटी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान के विकल्प तलाशने को कहा ताकि उन्हें अनुसूचित जनजाति के तहत मिल रही सुविधाएं सुलभ हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों को अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान करेगी और उसी के आधार पर आगामी नीति तैयार की जाएगी। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टि से न देखें और यह सुनिश्चित करें कि सभी समुदायों में आपसी भाईचारे एवं सौहार्द की भावना बनी रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले की गंभीरता को समझती है और इस मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व से बात की जायेगी और स्थायी हल निकला जाएगा।