वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे अहम पदों पर काम कर चुके हेनरी किसिंजर का बुधवार (30 नवंबर) को कनेक्टिकट स्थित आवास पर 100 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें राजनेता व सफल राजनयिक के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर कई किताबें लिखीं।
जर्मनी में पैदा हुए किसिंजर, यहूदियों के खिलाफ नाजी अभियान से पूर्व परिवार सहित अमेरिका आ गए थे। आगे चलकर 1943 में अमेरिकी नागरिक बने और कई अहम वैश्विक घटनाक्रमों में अमेरिकी गतिविधि का प्रमुख हिस्सा रहे। वियतनाम के साथ शांति समझौते में हेनरी ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
हालांकि वे कई बड़े विवादों में भी रहे जिसमें 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनपर आरोप था कि उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के नरसंहार में पाकिस्तान का साथ दिया था। उन्होंने इराक पर अमेरिका के हमले में जॉर्ज बुश सरकार का समर्थन किया था। चीन के साथ अमेरिकी संबंधों के हिमायती किसिंजर को चीन के साथ अमेरिका की कूटनीतिक वार्ता की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है।
किसिंजर को 1973 में शांति का नोबेल पुरस्कार देने की पेशकश हुई, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। नोबेल पुरस्कार चयन के लिए यह सबसे विवादास्पद घटनाक्रम माना जाता है।