मंडी। 17 दिनों से उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों निकाले में शामिल जिला मंडी रिवालसर क्षेत्र बगोंट गांव के विशाल (20) को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जिसके बाद सभी को चिकित्सक सहायता के लिए अस्पताल ले जाया गया है। जहां देशवासियों के लिए यह राहत भरी खबर रही है। वहीं परिजनों के लिए दीपावली से कम जश्न नहीं है।
विशाल के अपने साथियों सहित सुरंग से बाहर निकलने का जैसे ही सुखद समाचार परिजनों को मिला तो विशाल की मां उर्मिला दादी गरवधनु सहित परिवार के लोगों के लिए खुशी का ठिकाना नहीं रहा। और उनकी आंखों से खुसी के आंसू टपक पड़े। क्योंकि पिछले 17 दिनों इस सुखद घड़ी के लिए परिजन तरस गये थे तथा बड़ी बेसब्री से इस बेला का इंतजार कर रहे थे तथा पिछले 17 दिनों से उनकी सांसे अटकी हुई थी। कोई अनहोनी न हो इस बात की भी चिंता उन्हें उन्हें सताये जा रही थी।
विशाल की माता उर्मिला ने बताया देवी देवताओं का आशीर्वाद, लोगों की दुआएं, रेसक्यू टीम की कड़ी मेहनत से उनके लाल को नया जीवन मिला है। मैं अपने बेटे व उनके सभी साथियों की सकुशल वापसी के लिए आप सभी का आभार व धन्यवाद करती हूं। टनल में फंसे होने के बाद विशाल की शकुशल वापसी पर पूरे बगोंट गांव में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी इस मौके पर विशाल के परिजनों व रिस्तेदारों ने विशाल के घर पर बड़ी तादात में पहुंचकर मिठाईयां बांटी। दिवाली के दिन से विशाल के घर मे जो सन्नाटा पसरा था आज सभी ने विशाल की खुशी में नई दीपावली मनाई।
जिला मंडी ए.पी.एम.सी. चेयरमैन संजीव गुलेरिया तथा बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी, एसडीएम बल्ह अमर नेगी ने विशाल के घर बगोंट गांव पहुचकर परिजनों की खुशी में शामिल होते हुए उन्हें इस शुभ घड़ी की बधाई दी है। इस मौके पर जिला प्रशासन मंडी की ओर से बल्ह के एस.डी.एम. अमर नेगी, ग्राम पंचायत डहणू के उपप्रधान देवेंद्र ठाकुर, ओम प्रकाश सैनी, वार्ड सदस्य सरोज वाला, सहित कांग्रेस व भाजपा के कई गणमान्य नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्कयारी टनल 12 नवंबर को लैंडस्लाइड के बाद बड़ा हादसा हो गया था। एक बड़ा मलबा निर्माणाधीन सुरंग पर आकर गिर गया था। जिसकी वजह से अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। तब से लगातार बचाव अभियान चल रहा था लेकिन रेस्क्यू अभियान में बार- बार बाधा उत्पन्न होने के कारण सुरंग में फंसे मजदूरों को निकले में रेस्क्यू टीमों को कई मुशिकलों से गुजरना पड़ा। बाबजूद विशाल ने अपने 41 मजदूर योद्धा साथियों के साथ अपने साहस व धैर्य का परिचय देते सुरंग से बाहर निकले की हिम्मत बांधे रखी। जिसका परिणाम सुखद रहा और आज सभी मौत का मात देकर शकुशल सुरंग से बाहर निकले में कामयाब हुए।