कुल्लू। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में मंगलवार (28 नवंबर) को प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र का शुभारंभ सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर द्वारा किया गया। जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र राष्ट्रीय (डीईआईसी) स्वास्थ्य मिशन की एक अहम योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को हर तरह की थैरेपी एवं चिकत्सा सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाना है।
इस अवसर पर सीपीएस ठाकुर ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल पहला अस्पताल है जहां प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा अभिभावक अपने बच्चों की बीमारी का इलाज करवाने पहुंचते हैं। इस दौरान डॉक्टर द्वारा जांच के शुरुआत में ही अगर बच्चों में अपंगता के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें तुरंत प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र भेजा जाएगा ताकि बच्चे की अपंगता से संबधित बीमारी का तुरंत उपचार शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा इस केंद्र के लिए किसी भी प्रकार के उपकरणों की धन की आवश्यकता होगी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से हम उपलब्ध करवाएंगे।
उन्होंने कहा क्षेत्रीय अस्पताल में किन्ही कारणों से डायलसिस केंद्र बंद हुआ है लेकिन मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुफ्त इलाज की सुविधा निजी अस्पताल में उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा जनवरी से डायलसिस की सुविधाएं अस्पताल में निरंतर रूप से मिल पाएंगी।
सीपीएस ने कहा क्षेत्रीय अस्पताल में शीघ्र ही करीब 5 करोड़ रुपए की लागत से विद्युत उपकरण स्थापित किए जाएंगे जोकि किसी मेडिकल कॉलेज से बेहतर सुविधाएं में पाएंगी।