शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया, जिसके तहत उनकी देख-रेख, शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने का जिम्मा राज्य सरकार का कानूनी दायित्व है। उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए अगले बजट में एक योजना लाई जाएगी। मुख्यमंत्री गुरुवार (23 नवम्बर) को राजकीय कन्या मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी खरीदने के लिए 25 हजार रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है। सुविधाओं के अभाव में कोई विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए राज्य सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है, जिसके तहत उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध करवा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार एडमिशन फीस की पहली किश्त उपायुक्त के माध्यम से प्रदान करेगी ताकि ऋण मिलने में देरी होने के कारण उसे एडमिशन से हाथ न धोना पड़े।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पोर्टमोर विद्यालय में छात्राओं के लिए 5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले छात्रावास का शिलान्यास किया और सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में बदलने की घोषणा भी की।मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के मेधावी विद्यार्थियों को श्रीनिवास रामानुजन योजना के तहत टैबलेट प्रदान करने का शुभारम्भ किया और 16 मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि टैबलेट प्राप्त करने वाले प्रदेश के कुल 10,540 विद्यार्थियों में से 7,520 बालिकाएं हैं।