कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में आई प्राकृतिक आपदा के बाद जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया. प्रदेश सरकार द्वारा जहां लोगों को हर संभव राहत प्रदान की गई तो वहीं अचानक स्टोन क्रेशर बंद होने से निर्माण कार्य प्रभावित हो गए. वीरवार (23 नवंबर) को राहत भरी खबर यह रही कि प्रदेश सरकार ने कुछ क्रेशर मालिकों को राहत देते हुए उन्हें फिर से कार्य करने के आदेश पारित कर दिए हैं.
प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए जिन क्रेशरों को कार्य करने की अनुमति प्रदान की है उनके काटे गए बिजली के कुनेकशन फिर से बहाल करने के आदेश जारी किए हैं. खनन विभाग पूरी सक्रियता से बिजली विभाग को बिजली के कुनेशन जोड़ने के लिए पत्राचार कर रहा है.
बता दें कि करीब तीन माह पूर्व कुल्लू के सभी क्रेशर बंद कर दिए गए थे. क्रेशर बंद होने से जहां क्रेशर मालिकों को परेशानी के साथ आर्थिक हानि उठानी पड़ी तो वहीं आम जनता को रेत बजरी न मिलने के कारण निर्माणाधीन कार्यों को रोकना पड़ा. यही नहीं सरकारी निर्माणाधीन कार्य भी ठप्प पड़ गए थे. बहुत से लोग ऐसे थे जिनके भवनों को आपदा के कारण भारी नुकसान पहुंचा था वो लोग भी भवनों का रख रखाव करने में असमर्थ दिखाई दिए.
क्रेशर बंद करने से क्रेशर संचालकों को भी भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी. क्रेशर बंद होने से छोटे क्रेशर मालिकों को करीब 6 लाख रुपए प्रतिमाह तथा बड़े क्रेशर मालिकों को 10 से 12 लाख का नुकसान उठाना पड़ा है.
इस संदर्भ में खनन अधिकारी कुल्लू सुरेश कुमार ने बताया कि कुल्लू के 5 क्रेशर को पुनः कार्य करने की सरकार द्वारा अनुमति प्रदान की गई है. इन क्रेशर की बिजली काटी गई थी जिसे पुनः बहाल करने के निर्देश बिजली विभाग को दिए गए हैं. एक क्रेशर का अनुमति पत्र अभी प्राप्त नहीं हुआ है.