धर्मशाला। पर्यटन नगरी धर्मशाला में मैकलोड़गंज के लिए चलने वाली रोपवे की सवारी पर्यटकों को भी काफी आकर्षित कर रही है. वर्ष 2022 की शुरूआत में परिचालन में आए इस रोपवे में अब तक साढ़े छह लाख से अधिक लोग सुहाने सफर का लुत्फ उठा चुके हैं. गौरतलब है कि यह रोपवे धर्मशाला में एक प्रमुख आकर्षण बन रहा है और धर्मशाला में पर्यटकों के प्रवाह को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
टाटा रियल्टी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा निर्मित इस रोपवे के माध्यम से धर्मशाला से मैकलोड़गंज केवल पांच मिनट में पंहुच जाते हहैं. रोपवे की लंबाई लगभग 1.8 किलोमीटर है और इस पर 207 करोड़ का अनुमानित खर्च आया था. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 19 जनवरी 2022 को धर्मशाला रोपवे का उद्घाटन किया था. इस परियोजना के संचालित होने के बाद खासकर पर्यटन सीजन में लगने वाले लंबे जाम से बचने के साथ ही समय की भी बचत होती है.
धर्मशाला स्काईवे का निर्माण 2018 में शुरू किया गया था. विकास मोनो केबल डिटैचेबल ग्रिप गोंडोला तकनीक का उपयोग करके डीएफबीओटी (डिजाइन, वित्त, निर्माण, संचालन, स्थानांतरण) मोड के तहत हुआ था. टाटा ने भारत में पहला पूरी तरह से स्वचालित और सबसे उन्नत तकनीक से सुसज्जित रोपवे बनाने के लिए दुनिया के अग्रणी डेवलपर्स और रोपवे के निर्माताओं में से एक लीटनर के साथ साझेदारी की.
धर्मशाला को बौद्ध धर्मगुरू परम पावन दलाई लामा के घर के रूप में जाना जाता है, जो न केवल अनगिनत आगंतुकों का आकर्षण है, बल्कि इस दौरान भारी यातायात प्रवाह भी होता है. यह आठ सीटर रोपवे जनवरी-2022 से परिचालन में है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के केंद्र तक एक आरामदायक, परेशानी मुक्त, सुरक्षित और सबसे बढ़कर समय की बचत करता है. 750 पीपीएच के साथ 1775 मीटर मार्ग पर कुल 18 केबिन लोगों को सुचारू रूप और बिना देरी के उनके गंतव्य तक पंहुचाते हैं.
उधर धर्मशाला स्काईवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि धर्मशाला स्काईवे खासकर पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए एक आर्कषण का केंद्र बनता जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक छह लाख, 53 हजार, 544 यात्री इस सुहाने और अनूठे सफर का लुत्फ उठा चुके हैं. जो आने वाले समय में इनकी संख्या में और भी इजाफा होने वाला है.