शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है. अगर प्राकृतिक आपदा नहीं आती तो प्रदेश में 1500 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राजस्व वृद्धि दर्ज होती.
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान कारोबार पर असर पड़ा जिससे प्रदेश का राजस्व प्रभावित हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.
मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर केन्द्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर कई पाबंदियां लगाई हैं, जिसके तहत इस वित्त वर्ष में ऋण लेने की सीमा 6600 करोड़ रुपये तय की गई है. इसके साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए तीन वर्ष में कुल 2900 करोड़ रुपये लेने की सीमा तय की गई है, जबकि पहले इसके लिए कोई सीमा तय नहीं थी.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष में मात्र 4100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है जबकि पिछली भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार को ओपीएस लागू करने पर 1780 करोड़ रुपये की ग्रांट भी नहीं मिल रही है.
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल के हितों को लेकर लड़ाई लड़ रही है. सरकार ने पट्टा नियमों को संशोधित करते हुए लीज की अवधि को 99 वर्षों से घटाकर 40 वर्ष कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा.
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में देरी को देखते हुए राज्य सरकार ने एसजेवीएनएल को प्रदान किए गए जांगी-थोपन-पोवारी परियोजना को रद्द कर दिया है. वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है और वर्तमान राज्य सरकार के दृढ़ प्रयासों के कारण इस मामले में फैसला सरकार के पक्ष में आया है. राज्य सरकार ने मामले की पैरवी के लिए अच्छे अधिवक्ता नियुक्त किए तथा अदालत में मजबूती से अपना पक्ष प्रस्तुत किया.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में ही 100 करोड़ रुपये का खनन घोटाला तथा क्रिप्टो करंसी घोटाला भी हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर धांधली व भ्रष्टाचार होने पर भी पिछली सरकार आंखे मूंदकर क्यों बैठी रही.