मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पूर्व भाजपा सरकार पर खनन विभाग में हुए 100 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप के जवाब में पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि सुक्खू की सरकार यारों की सरकार है और यारों को खुश करने के लिए नियमों में संशोधन हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री या तो आरोप सिद्ध करें या माफी मांगें अन्यथा उनके खिलाफ न्यायालय में मानहानि का मामला दायर किया जाएगा.
पूर्व उद्योग मंत्री ने पूछा कि किन परिस्थितियों में 25 रुपए प्रति फुट बिकने वाला रेता 90 रुपए फुट तथा बजरी तीन गुना महंगी हो गई। क्या यह घोटाला नहीं है। मंडी के एक नेता पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार बताए कि उनकी कितनी रॉयल्टी और बिजली का बिल बकाया है। विक्रम ठाकुर ने सभी कमेटियों में मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि सरकार के अंदर मंत्री, सीपीएस और विधायकों से जुड़े हुए रिश्तेदारों के कुल कितने क्रशर हैं।
जिस समय सब क्रशर बंद थे, उस समय सत्ताधारी लोगों के क्रशर बंद क्यों नहीं हुए। विक्रम ठाकुर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 90 दिनों के अंदर 100 करोड़ रुपए के नुकसान का जिम्मेदार कौन है। तीन महीने क्रशर बंद होने से 27 करोड़ रुपए की रॉयल्टी तथा जीएसटी और बिजली को भी इसमें जोड़ दिया जाए, तो प्रदेश के अंदर 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कौन-कौन से अधिकारी और राजनीतिज्ञ इसमें संलिप्त हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। पूर्व उद्योग मंत्री ने केंद्र सरकार के नियमों का भी हवाला दिया और कहा कि कमेटी उन्हीं क्रशरों को मान्यता देने की अनुशंसा कर रही है, जिसमें भ्रष्टाचार के स्कोप सबसे ज्यादा हैं। विक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि वह उन 63 क्रशरों का नाम बताएं, जो बिना वैलिड लीज के चल रहे हैं । यदि 128 में से 107 क्रशर बंद थे, तो केवल 50 को ही अनुमति क्यों दी गई। इसमें भी भाई-भतीजाबाद किया गया है ।
विक्रम ठाकुर ने कहा कि इस सरकार में शोर मचा है कि पावर का एक बहुत बड़ा घोटाला सुक्खू सरकार में हुआ है। उसकी मुख्यमंत्री सीबीआई से जांच करवाएं। पूर्व मंत्री ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री या तो आरोप सिद्ध करें या माफी मांगें अन्यथा उनके खिलाफ न्यायालय में मानहानि का मामला दायर किया जाएगा।