पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा है कि आज की अखबार में दो खबरें विचारनीय है. हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि कई हजार करोड़ रूपय से हरोली में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना की जा रही है. इस महत्वपूर्ण उद्योग में काम करने वाले लगभग 10 हजार अधिकारी और कर्मचारियों के लिए एक बस्ती बसाई जा रही है. यह बस्ती 175 एकड़ में होगी. कुल मिलाकर बल्क ड्रग पार्क अपनी किस्म का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर होगा. इसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. यह इतनी महत्वपूर्ण योजना है कि इसका शिलान्यास स्वंय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.
शान्ता कुमार ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि दूसरा समाचार चिन्ताजनक ही नही शर्मनाक भी है. सोलन और सिरमौर की 19 दवा कम्पनियों द्वारा बनाई हुई 24 दवाईयां गुणवत्ता में फेल हो गई. यह समाचार इसलिए भी चिन्ताजनक है क्योंकि
वर्शो से लगातार इस प्रकार के समाचार आते रहे हैं. भारत को दवाई उद्योग में विश्व की फार्मैसी कहा जाता है और भारत में बनने वाली दवाईयों का लगभग 40 प्रतिषत दवाईयां हिमाचल प्रदेश में बनती है. सौभाग्य से इसी हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं में काम आने वाले उपकरण बनाने के लिए कई हजार करोड़ का बल्क ड्रग पार्क स्थापित हो रहा है. परन्तु हिमाचल की कम्पनियों द्वारा लगातार खराब दवाईयां बनाने के कारण हिमाचल प्रदेश की बदनामी हो रही है. यह एक गंभीर सकंट है. बल्क ड्रक पार्क के कारण हिमाचल प्रदेश को जो महत्व प्राप्त हो रहा है. इस प्रकार की दवाईयों के कारण उस पर बहुत बड़ी ठेस आ रही है.
शान्ता कुमार ने कहा इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि दवा कम्पनियों को सजा का डर नही है. जो पकड़े जाते है कुछ दिन के बाद उनको दोबारा लाईसैंस मिल जाता है. सरकार को याद रखना चाहिए कि कानून का पालन डर के बिना नही हो सकता. इन दवाईयों के कारण कई बार कई देशों में कई लोगों की मृत्यु भी हुई है.
उन्होंने सरकार से विषेश आग्रह किया कि इस अपराध के लिए इतनी सख्त सजा दी जाए कि दोबारा किसी को अपराध करने की हिम्मत न हो.