शिमला। हिमाचल में मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष के तहत गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक शुक्रवार (18 नवंबर) को हुई. इस बैठक में अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 68 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है. यह बैठक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित की गई.
डॉ. शांडिल ने कहा कि सीएम सुक्खू की पहल पर आरंभ की गई इस योजना के तहत प्रदेश में लगभग 4000 निराश्रित एवं अनाथ बच्चों को शिक्षा तथा रोजगारपरक व्यावसायिक पाठ्यक्रम के माध्यम से उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने का संकल्प लिया गया है. उन्होंने कहा कि बैठक में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी सहित अन्य उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए 68 आवेदन स्वीकृत किए गए. इन ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ की उच्च शिक्षा पर प्रदेश सरकार 28 लाख 28 हजार 457 रुपये तथा इन्हें स्टाइपेंड प्रदान करने पर 32 लाख 64 हजार रुपये व्यय किए जाएंगे.
इस बैठक में स्वरोगाजर के लिए वित्तीय सहायता से संबंधित 4 आवेदनों को भी स्वीकृति प्रदान की गई. इसके तहत लाभार्थियों को 7 लाख 45 हजार 500 रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. इसके अतिरिक्त व्यावसायिक प्रशिक्षण से संबंधित 42, कोचिंग से संबंधित 16 तथा कौशल विकास के 2 आवेदनों पर भी चर्चा की गई.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि बैठक में प्रस्तुत सभी आवेदनों के तहत प्रदेश सरकार 134 लाभार्थियों को 83 लाख 26 हजार 321 रुपये के लाभ प्रदान करेगी. साथ ही 4000 रुपये प्रतिमाह प्रति लाभार्थी स्टाइपेंड के तहत 128 लाभार्थियों को 59 लाख 60 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे. इन दोनों मदों में कुल एक करोड़ 42 लाख 86 हजार 321 रुपये के लाभ इन बच्चों को प्रदान किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व अगस्त माह में हुई समिति की बैठक में उच्च शिक्षा से संबंधित 48 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसके तहत इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए 15 लाख 52 हजार 678 रुपये तथा स्टाइपेंड के रूप में 23 लाख 4 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं.
डॉ. शांडिल ने सभी संबंधित अधिकारियों को इस कल्याणकारी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के भी निर्देश दिए.