हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है. राज्य सरकार ने सर्दी के मौसम में जनजातीय क्षेत्रों में दी जानी बालन (फ्यूल वुड) की बढ़ी हुई कीमतों में भारी कटौती की है. दरअसल वन निगम ने बालन की कीमतें 1300 रुपए से अधिक प्रति क्विंटल कर दी थी, जिसमें राहत देते हुए सुक्खू सरकार ने अब वन निगम को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने का निर्णय लिया है और स्थानीय लोगों को 805 रुपए प्रति क्विंटल बालन मुहैया करवाने का निर्णय लिया है
राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी ने शुक्रवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी. जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा के बावजूद सरकार लोगों को राहत देने का कार्य कर रही है. सर्दी के मौसम में जनजातीय क्षेत्रों में बालन का काफ़ी इस्तेमाल होता है इसलिये सरकार ने लोगों को दाम कर राहत दी है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आइसलैंड की कंपनी के साथ शनिवार को सरकार एक एमओयू साइन करने जा रही है, जिसके मुताबिक कंपनी किन्नौर में जियो थर्मल से कोल्ड स्टोर का निर्माण करेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह निमार्ण होगा और अगर परिणाम सही रहे तो प्रदेश के अन्य जगहों पर भी सस्ती दरों में कोल्ड बनाए जाएंगे जिससे किसानों बागवानों को फायदा होगा.
जगत नेगी ने बताया कि नेशनल हाइवे-5 सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. भारत चीन बोर्डर के लिए इस हाइवे का अहम रोल है, लेकिन हाइवे पर नाथपा के पास लगातार लैंड स्लाइड आ रहे हैं. अभी भी तीन हफ़्ते से ये हाइवे बंद पड़ा है जिसकी वजह से सेना के साथ साथ किसानों बागवानों को परेशानी पेश आ रही है.
उन्होंने कहा पीएम हवाई मार्ग से लिपचा पहुंचे थे यदि सड़क मार्ग से आते तो उनको भी इसका पता चलता. एनएच-5 को ठीक करने में केन्द्र ध्यान नही दे रहा है. यदि केन्द से काम नही होता है तो राज्य को पैसा दें,सड़क दुरुस्त कर लेंगे. उन्होंने ये भी माना कि अवैज्ञानिक तरीके से कटिंग व विकास की अंधी दौड़ भी ऐसे लैंड स्लाइड की वजह है.