भारतीय सेना के त्रिशक्ति कोर के जवानों ने बीआरओ की सहायता से चुंगथांग में तीस्ता नदी पर बेली ब्रिज को आवाजाही के लिए फिर से तैयार कर दिया है. इसके पूरा होने के बाद उत्तरी सिक्किम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र राज्य के बाकी हिस्सों से जुड़ गए है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने गुवाहाटी में बताया कि 200 फीट का बेली ब्रिज अपने आप में एक इंजीनियरिंग चमत्कार है. क्योंकि यह सबसे लंबा और सबसे भारी सिंगल स्पैन बेली ब्रिज है. चौबीसों घंटे काम करते हुए बीआरओ ने शुरुआत में कंक्रीट के ढांचे का निर्माण किया, इसके बाद बाद त्रिशक्ति कोर के जवानों द्वारा पुल का निर्माण किया गया और इसमें मात्र पांच दिन ही लगे.