कैबिनेट में बड़े फैसलों की तैयारी कर रही राज्य सरकार के लिए अधिकारी एजेंडा तय करने में जुट गए है.कैबिनेट में स्टोन क्रशर और बल्क ड्रग पार्क समेत कई अहम मसलों की स्थिति साफ होने की संभावना है.स्टोन क्रशर पर सरकार ने बैन लगाया है.इस बैन के बाद गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और इस रिपोर्ट में स्टोन क्रशर को दोबारा बहाल करने के संकेत मिले है.उद्योग मंत्री भी स्टोन क्रशर बहाल होने की प्रदेश की जरूरत बता चुके है.इसके अलावा बल्क ड्रग पार्क को शुरू करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.ऐसे में उद्योग विभाग ने बल्क ड्रग पार्क में निजी निवेश के लिए पार्टनर तलाश करने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है.उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में बनाई रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जा सकता है.
कैबिनेट में मंजूरी के बाद इस फाइल को आगे बढ़ाया जाएगा.कैबिनेट में एनटीटी के मामले के उजागर होने की संभावनाएं अब कम होती नजर आ रही है.महिला और बाल विकास विभाग के साथ आंगनबाड़ी वर्करों को लेकर हुई बैठक के बाद इस मामले को अचानक स्लो कर दिया है.ऐसे में कैबिनेट के एजेंडे में एनटीटी को शामिल करने की संभावनाएं कम हो गई है.गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली एम्स से लौटते ही 18 नवंबर को कैबिनेट बुलाने की बात कही थी.
सरकार दिवाली के बाद कर्मचारियों बड़ा तोहफा दे सकती है.सरकार ने 800 करोड़ के ऋण की मंजूरी ली थी और अब यह राशि सरकार के खजाने में जमा हो गई है.यह राशि मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटने और दिवाली से पहले ली गई थी, लेकिन कर्मचारियों को दिवाली पर महंगाई भत्ता इत्यादि देने पर फैसला नहीं हो पाया था.
सुप्रीम कोर्ट से जेओए पोस्ट कोड 817, 556 और 447 पर फैसला आने के बावजूद अभी तक सरकार के स्तर पर आगे की कार्रवाई के लिए कोई फैसला नहीं हुआ है.कार्मिक विभाग का कहना है कि इस बारे में दिल्ली सुप्रीम कोर्ट से आधिकारिक तौर पर मिलने वाली फैसले की प्रति अभी तक नहीं आई है.817 के मामले में अभी पेपर लीक की एफआईआर भी दर्ज है, इसीलिए कार्मिक विभाग को इस बारे में विजिलेंस से भी क्लीयरेंस लेनी होगी.