चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए अमेरिका गए हैं. इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की है. दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान चीन और अमेरिका के बीच मतभेदों को खत्म करने पर जोर दिया है. ताइवान और व्यापार प्रतिबंधों की वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के बाद एक प्रेस काफ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक बार फिर तानाशाह कह दिया है. सैन फ्रांसिस्को में 1 पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए बाइडेन बोले, “वह (शी जिनपिंग) एक ऐसे देश की बागडोर संभालते हैं, जो कम्युनिस्ट विचारधारा को मानता है. उनकी सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल अलग है. इसलिए मैं अपने बयान पर कायम हूं.”
बाइडेन ने इससे पहले भी जून 2023 में जिनपिंग को तानाशाह कहा था, जिसके बाद चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर आपत्ति जताई थी. चीन ने कहा था कि जो बाइडेन का बयान बेतुका और गैर-जिम्मेदाराना है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान शी जिनपिंग ने कहा कि चीन कभी भी अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा की नीयत नहीं रखता है, इसलिए अमेरिका को भी चीन को दबाने या फिर उसे अपने काबू में करने की योजनाएं नहीं बनानी चाहिए. जिनपिंग ने कहा कि चीन पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से हमारे देश के जायज हितों को नुकसान हुआ है.
साल 2022 के अगस्त में अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की तत्कालीन स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, जिसके बाद चीन ने आपत्ति जाहिर की थी. दरअसल चीन ताइवान पर अधिकार का दावा करता रहा है. नैन्सी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने अमेरिका के साथ मिलिट्री संचार रोक दिया था. इसके अलावा इसी साल फरवरी में अमेरिका ने एक संदिग्ध गुब्बारे को मार गिराया था और चीन पर आरोप लगाए थे कि वह अमेरिका की जासूसी कर रहा है.