पूरे देश के साथ राजधानी दिल्ली में 12 नवंबर को हर्षोल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली समेत सभी राज्यों में प्रदूषण पर लगाम के लिए आतिशबाजी पर रोक लगाई थी, लेकिन राजधानी में लोगों ने उच्चतम अदालत के आदेश की धज्जियां उड़ा दी. सोमवार सुबह राजधानी दिल्ली और NCR में धुंध की एक चादर वातावरण में छायी हुई है, जिसकी वजह से कुछ सौ मीटर के बाद दृश्यता खत्म हो रही है.
दिल्ली में रविवार को दिवाली की शाम होते ही पटाखों की शोर से पूरी दिल्ली गूंज उठी और ये गूंज रात 10 बजे तक बेलगाम तरीके से जारी रही. इस बीच अलग-अलग वायु गुणवत्ता मापने वाले समूहों ने राजधानी की हवा गुणवत्ता अपने-अपने तरीके से मापकर, दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया. वहीं केंद्र सरकार के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली की हवा को पिछले 8 सालों में सबसे साफ बताया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार में सुबह 5 बजे औसत AQI खराब स्तर पर 289 रहा, वहीं PM2.5 का स्तर 500 के स्तर पर पहुंच गया. इसी तरह, आरके पुरम में सुबह 5 बजे AQI 281 था, यहां भी PM2.5 पर एक्यूआई 500 के स्तर को छू गया. शहर में पीएम 2.5 पर प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से 20 गुना अधिक दर्ज की गई.
बावजूद इसके CPCB के आंकड़ों की मानें तो दिल्ली की हवा गुणवत्ता पिछले आठ सालों में सबसे अच्छी है. CPCB के आंकड़ों की मानें तो दिवाली पर राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 289 रहा, जो पिछले 8 साल में दिवाली के दिन सबसे कम था. वहीं खराब एक्यूआई के कारण सरकार ने सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है और ट्रकों को राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.
वायु गुणवत्ता मापने वाले स्विस समूह IQAir के अनुसार सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर के तौर पर उभरा है. यहां सुबह 5 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 514 पर मापा गया. जो बेहद खतरनाक रूप में चिन्हित है. इस समूह के अनुसार एक्यूआई 320 को खतरनाक के तौर पर चिह्नित किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक चेतावनियां दी गई हैं. IQAir के अनुसार 13 नवंबर को दिल्ली की हवा इस खतरनाक स्तर से भी खराब लेवल पर पहुंच गई है.
हवा की गुणवत्ता मापने वाली एक और मौसम एजेंसी aqicn.org के अनुसार दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में वायु प्रदूषण सबसे खराब दर्ज किया गया है. यहां सुबह 5 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 969 था जो खतरनाक से भी खतरनाक स्तर पर है. यह सामान्य से 20 गुना अधिक है. इस एजेंसी के अनुसार एएक्यूआई का 300 से अधिक पहुंचना बेहद खतरनाक होता है.
दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 2022 में 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था.