हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 12 नंनबर को राजधानी शिमला के बालिका आश्रम टूटीकंडी में बच्चों के साथ दिवाली का पर्व मनाया है. इस दौरान आश्रम के बच्चों को मिठाई, फल और पटाखे वितरित किए है.सीएम ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमाचल सरकार ने अनाथ बच्चों को कानून बनाकर चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे. यह योजना राज्य सरकार के दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति की प्रतीक है.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का भार राज्य सरकार का है. इसके साथ ही अनाथ बच्चों को उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपये पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है. इसके साथ ही उन्हें घर बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन और 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने बालिका आश्रम टूटीकंडी के बच्चों को कहा कि आप माता-पिता के बिना नहीं है. राज्य सरकार ही आपकी माता और पिता है. इसलिए प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते आपके साथ दिवाली मनाने आया हूं. दिवाली का उत्सव आपके जीवन में खुशियां लाए और राज्य सरकार भी इसी सोच के साथ कार्य कर रही है. जीवन में चुनौतियों का डटकर सामना करें क्योंकि चुनौतियां ही आत्मविश्वास पैदा करती हैं और जीवन को दिशा देती हैं. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि एकल नारियों और मूक-बधिर बच्चों के लिए आने वाले समय में राज्य सरकार योजना लाने वाली है. वक्त के साथ इन योजनाओं में सुधार भी किया जाएगा.