पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.एथिक्स कमेटी में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो गया.
समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने इस बात की जानकारी जेते हुए बताया कि कमेटी ने अपने प्रस्ताव में महुआ को सांसद के रूप में निष्कासित करने की सिफारिश की है. अब रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी. बता दें एथिक्स कमेटी में कुल 15 सदस्य हैं.समिति में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बसपा, शिवसेना, YSR कांग्रेस पार्टी, सीपीएम और जदयू के एक-एक सदस्य शामिल हैं. महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव पर पक्ष में छह सांसदों ने वोट किया.वहीं, प्रस्ताव पर विपक्ष में वोट डालने वाले सदस्यों की संख्या 4 रही.
दरअसल पूरा मामला ये है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की थी.उन्होंने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.इससे पहले 2 नवंबर को समिति की बैठक में मौजूद सभी पांच विपक्षी सदस्य यह आरोप लगाते हुए बैठक से बाहर चले गए थे कि सोनकर ने मोइत्रा की यात्रा, होटल में ठहरने और टेलीफोन पर बात करने के संबंध में उनसे व्यक्तिगत एवं अशोभनीय प्रश्न पूछे थे.
मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि हीरानंदानी ने उनके लॉगिन का उपयोग किया.हालांकि, उन्होंने किसी तरह के आर्थिक लाभ हासिल करने के आरोप खारिज किए हैं. टीएमसी सांसद का कहना है कि अधिकतर सांसद अपने लॉगिन का विवरण दूसरों के साथ साझा करती हैं.