सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों कई याचिकाएं दाखिल की गईं थी। जिनमें कहा गया था कि एमपी-एमएलए अदालतों में तेजी के साथ मामले की सुनवाई नहीं की जा रही। सुप्रीम कोर्ट ने मामलों को देखते हुए कहा कि जितने भी लंबित मामले हैं उनके बारे में पता किया जाए कि आखिर वो क्यों लंबित हैं, उनके निस्तारण में क्यों तेजी नहीं आ रही है। जांच में कहां रुकावट है और उसको दूर करने के लिए अदालत अपने स्तर पर क्या कदम उठा सकती है जिससे मामलों का जल्द निपटारा हो सकें। कोर्ट में 65 से ज्यादा मामले लंबित है।