हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सुस्त ठेकेदारों को अब काम नहीं मिलेगा। यह सभी ठेकेदार पीएमजीएसवाई यानी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण तीन से बाहर हो जाएंगे। पीडब्ल्यूडी ने उन ठेकेदारों की खोज भी शुरू कर दी है जो पीएमजीएसवाई एक और दो का टेंडर हासिल करने के बाद उस काम को तय समय पर पूरा नहीं कर पाए हैं। दरअसल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 170 सड़कें ऐसी हैं, जिनका निर्माण 2005 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी भी ये सड़कें पूरी नहीं हो पाई हैं। पीएमजीएसवाई चरण एक और दो की इन सड़कों को तय समय में पूरा किया जाना था।
अब भविष्य में पीएमजीएसवाई चरण तीन का काम इस तरह से न फंसे, इसके लिए विभाग ने यह कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश के हिस्से करीब 3000 करोड़ रुपए आए हैं। इनमें 2600 करोड़ रुपए को हाल ही में मंजूरी मिली है। केंद्र सरकार ने यह मंजूरी कार्य को तीव्रता से पूरा करने और गुणवत्ता बरकरार रखने के आधार पर दी है। काम पूरा करने के बाद पीडब्ल्यूडी केंद्र सरकार को बिल भेजेगा और इसके आधार पर ही भुगतान होगा। विभाग ने दिसंबर तक पीएमजीएसवाई के तहत टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है। विभाग तेजतर्रार ठेकेदारों को ही जिम्मेदारी सौंपना चाहता है।