इजरायली सेना ने दावा किया कि गाजा शहर पर जोरदार हमले किए जा रहे हैं और गाजा पट्टी को दो हिस्सों में काट दिया गया है. इजरायली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि इजरायली सेना ने गाजा शहर को घेर लिया है और अब उसे एक दक्षिणी गाजा और एक उत्तरी गाजा इलाके के रूप में काट दिया गया है. उन्होंने कहा कि सैनिक समुद्र तट पर पहुंच गए हैं और उन इलाकों पर कब्जा कायम किए हुए हैं. इजरायल ने कहा कि अब हमास के आतंकी बुनियादी ढांचे पर जमीन के नीचे और ऊपर से बड़े पैमाने पर हमले हो रहे हैं.
एक दूसरे बयान में इजरायली सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख, एलटीजी हर्जी हलेवी ने उत्तरी कमान में एक बैठक के दौरान कहा कि आईडीएफ किसी भी पल उत्तरी गाजा में हमला करने के लिए तैयार है. आईडीएफ ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया कि ‘हमारे पास न केवल गाजा पट्टी में बल्कि सीमाओं पर काफी बेहतर सुरक्षा स्थिति बहाल करने का साफ लक्ष्य है… हम किसी भी समय उत्तर में हमला करने के लिए तैयार हैं.’ ‘द टाइम्स ऑफ इजरायल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले दिन में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की थी कि इजरायल तब तक युद्धविराम पर सहमत नहीं होगा, जब तक कि चरमपंथी समूह हमास बंधकों को रिहा नहीं कर देता.
नेतन्याहू के ऑफिस से जारी एक बयान में यह कहा गया कि पीएम ने कहा कि ‘इस शब्द ‘युद्धविराम शब्द को अपने शब्दकोष से बाहर निकालें. हम तब तक हमला जारी रखेंगे जब तक हम उन्हें हरा नहीं देते, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.’ इस बीच अमेरिका में इजरायली दूत माइकल हर्जोग ने गाजा को दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी परिसर कहा. उन्होंने कहा कि गाजा दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी परिसर है. जिसमें हजारों लड़ाके और रॉकेटों के अलावा अन्य हथियार हैं और 310 मील (500 किलोमीटर) भूमिगत सुरंगें हैं. हम इसी के खिलाफ लड़ रहे हैं और हमें इसे उखाड़ फेंकना होगा. अगर हम ऐसा नहीं करेंगे, तो वे बार-बार हमला करेंगे.
वहीं मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि इजरायल के लड़ाकू विमानों ने गाजा पट्टी के बीच में रविवार को दो शरणार्थी शिविरों पर हमला किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. जबकि इजरायल-हमास संघर्ष पर अपनी पश्चिम एशिया कूटनीति के तहत अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक के रामल्ला का दौरा किया और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की. इससे पहले इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत करने के बाद ब्लिंकन ने जॉर्डन में अरब देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की थी.