वैश्विक आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर लड़ने के लिए भारत को एक और साथी मिल गया है. इटली ने साइबर सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ खड़े होने का वादा किया है. ऐसे में इटली के इस ऐलान से चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी ज्यादातर बड़े साइबर अपराधों में तथाकथित रूप से चीन या पाकिस्तान का नाम सामने आता रहा है.
यहां तक अमेरिका भी चीन पर कई बार साइबर हैकिंग का आरोप लगा चुका है. वहीं भारत के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी सर्वर डाउन होने में चीन का हाथ सामने आया था. जबकि आतंक के मामले में पाकिस्तान पूरी दुनिया में बदनाम है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मैतरेला और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और रक्षा, साइबर सुरक्षा तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. इटली के अपने समकक्ष एंतोनियो ताजानी के निमंत्रण पर रोम पहुंचे जयशंकर ने शुक्रवार को पुर्तगाल और इटली की अपनी चार दिवसीय यात्रा संपन्न की.
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने 4 नवंबर को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बैठक के दौरान इटली के राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और भारत-इटली तथा भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को गहरा बनाने के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया. जयशंकर ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘हमारी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उनके (मैतरेला) मागदर्शन को अहमियत देता हूं. एक अस्थिर और अनिश्चित दुनिया में भारत-इटली का संबंध स्थिरता का कारक है.’
विदेश मंत्री ने इटली के रक्षा मंत्री गुइदो क्रोसेतो के साथ भी बैठक की और इस दौरान रक्षा विनिर्माण और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, साइबर सुरक्षा और समुद्री क्षेत्रों में औद्योगिक सहयोग समेत कूटनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर बातचीत की. उन्होंने इटली के उद्यम मंत्री एडॉल्फो उर्सो से भी मुलाकात की और कृषि-प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, डिजिटल बुनियादी ढांचे, नवोन्मेष और अंतरिक्ष के क्षेत्रों पर जोर देते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.