हिमाचल प्रदेश में 5-जी सेवाओं को स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. प्रदेश के विकास में नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित कर महत्त्वाकांक्षी एवं सार्थक बदलाव लाए जा रहे हैं. सीएम सक्खू के प्रधान सलाहकार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, गोकुल बुटेल ने यह जानकारी डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग द्वारा दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के सहयोग से 5-जी का उपयोग एवं क्षमता निर्माण विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी है. गोकुल बुटेल ने कहा कि नागरिक सेवाओं का दायरा बढ़ाने, रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने तथा दक्षता बढ़ाने के लिए 5-जी तकनीक बहुत महत्त्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी का शिक्षा, स्वास्थ्य, निगरानी, कृषि, बागबानी सहित अन्य क्षेत्रों में उपयोग सुनिश्चित किया गया है.
इससे न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि प्रदेश को आने वाले 10 साल में आत्मनिर्भर और देश का सबसे समृद्ध राज्य भी बना सकेंगे. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में 5-जी तकनीक को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सभी हितधारकों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है. विभागों की कार्यप्रणाली में दक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली कार्यान्वित की गई है. सम्मेलन में निदेशक डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नंस मुकेश रेपस्वाल, विभिन्न विभागों के सचिव, विभागाध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपिस्थत थे.
सचिव, डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस डॅा. अभिषेक जैन ने प्रदेश में 5-जी के उपयोग और आधारभूत संरचना सृजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5-जी सेवाओं के प्रसार और नेटवर्क को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. अतिरिक्त महानिदेशक दूरसंचार हिमाचल परिमंडल दीपिका खोसला व मिशन निदेशक, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन नीरज कुमार ने 5-जी से संबंधित क्षमता निर्माण के बारे में किए जा रहे प्रयास एवं वास्तविक स्थिति से भी अवगत करवाया है.