हिमाचल में आपदा के कारण हुए भारी नुकसान से सबक लेते हुए राज्य आपदा प्रबंधन ने प्रदेश सुरक्षित भवन निर्माण के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित भवन निर्माण के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रिटायर्ड इंजीनियर्स का एक डाटा बेस तैयार कर रहा है. इसके लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र से संबंध रखने वाले रिटायर्ड तकनीकी विशेषज्ञ के आवेदन मांगे है। यह विशेषज्ञ के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक एवं विशेष सचिव राज्य राजस्व डीसी राणा ने कहा कि राज्य भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, हिमस्खलन और सूखे सहित विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील है. इनमें से भूकंप विशेष चिंता का विषय हैं। राज्य का 32 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र भूकंप जोखिम क्षेत्र की अत्यधिक क्षति जोखिम क्षेत्र जोन-5 की श्रेणी में आता है, जबकि शेष क्षेत्र जोन -4 में आता है.
इच्छुक विशेषज्ञ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट 222.द्धश्चह्यस्रद्वड्ड.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पर आवेदन कर सकते हैं. वेबसाइट पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एक परमफोर्मा तैयार किया है। जिसके अनुसार विशेषज्ञ को अपना नाम, जिला, ब्लॉक, पता, योग्यता, उम्र, जिस विभाग में कार्य किया है उसका नाम, जिस रैंक से सेवानिवृत्ति हुई है, सेवा काल का समय, स्पेशेलाइजेशन, डेट ऑफ रिटायरमेंट और सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त का आदेश भी अपलोड करना होगा.
पहाड़ी राज्य में सुरक्षित निर्माण प्रथाओं की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, सेवानिवृत्त तकनीकी विशेषज्ञता के एक मजबूत पूल की आवश्यकता है. यह विशेषज्ञता सुरक्षित निर्माण प्रथाओं के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने में सहायता कर सकते है. इसके लिए आपदा प्रबंधन को सेवानिवृत्त तकनीकी रूप से योग्य व्यक्तियों जैसे जेई, एई और एक्सईएन की सेवाओं की आवश्यकता रहेगी. इनकी सेवाओं का लाभ शहरी /ग्रामीण स्तर पर जो व्यक्ति मकान बनाने चाहते है, वह उठा पाएंगे। इन विशेषज्ञ का डाटा बेस राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। यहां से जरूरतमंद लोग सेवाओं का लाभ ले सकते है.