हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से पहले पीडब्ल्यूडी ने 1100 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत और टारिंग का टारगेट पूरा कर लिया है। यह सड़कें बरसात की वजह से खराब हो गई थीं। अत्यधिक सड़कों में गड्ढे हो गए थे या कोलतार उखड़ चुकी थी। पीडब्ल्यूडी ने बरसात थमते ही सड़कों की मरम्मत को लेकर निर्देश जारी कर 2000 किलोमीटर का लक्ष्य निर्धारित किया था। बरसात थमते ही शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी ने सड़कों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया और अब तक 55 प्रतिशत काम पूरा कर हो गया है। खास बात यह है कि पीडब्ल्यूडी को रिपेयर वर्क के लिए अलग से बजट जुटाने की भी जरूरत नहीं पड़ी है। पहले से ही सितंबर से नवंबर तक तीन महीने के लिए 2000 किलोमीटर का दायरा तय कर दिया था। विभाग ने प्रदेश में बर्फबारी के शुरू होने से पहले तक सभी चयनित सड़कों की मरम्मत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। गौरतलब है कि नवंबर के आखिरी हफ्ते में हिमाचल में बर्फबारी का दौर शुरू हो जाता है। इसे देखते हुए विभाग ने अधिकारियों को काम में तेजी लाने के आदेश भी दिए हैं।
विभाग का अनुमान है कि दिसंबर माह की शुरुआत तक 100 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। इसके लिए विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात काम में जुटे हुए हैं। विभाग को जो लक्ष्य इस अवधि के दौरान मिला है, उसमें 1400 किलोमीटर की मरम्मत होनी है और 600 किलोमीटर सडक़ की टायरिंग की जाएगी। गौरतलब है कि बरसात की वजह से पीडब्ल्यूडी को भारी क्षति का समना करना पड़ा था। विभाग की करीब डेढ़ हजार सडक़ें और 116 पुल बरसात में प्रभावित हुए हैं। इनमें से 19 पुल पूरी तरह से धराशायी हो गए थे। पीडब्ल्यूडी को इस पूरे सीजन में अब तब करीब 2949 करोड़ रुपए का भारी-भरकम नुकसान हुआ है। इस नुकसान के संबंध में विभाग ने विस्तृत रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेजी है और विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि बर्फबारी से पहले सौ प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास है। इसके लिए सभी अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं। विभाग बरसात से खराब हुई सड़कों से लोगों को राहत देने का प्रयास कर रहा है। इसमें दो हजार किलोमीटर का लक्ष्य तय किया गया है और अब तक करीब 1100 किलोमीटर में रिपेयर वर्क पूरे कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नवंबर के आखिर तक विभाग 90 से 100 प्रतिशत के पास पहुंच जाएगा।