राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में पिछले सप्ताह एक छात्र की मौत और संस्थान के कुछ छात्रों की नशे में संलिप्तता को देखते हुए एनआईटी प्रबंधन आने वाले समय में संदिग्ध गतिविधियों में पाए गए आठ छात्रों पर कार्रवाई कर सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि पहले सभी छात्रों की अनुशासन कमेटी के समक्ष व्यक्तिगत सुनवाई होगी, उसके बाद मामला बीओडी में जाएगा। बीओडी से तय होगा कि इन छात्रों पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि अभी दो छात्र छह नवंबर तक न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। ऐसे में फिलहाल प्रबंधन अभी उनके बाहर आने का इंतजार कर रहा है। बताया जा रहा है कि प्रबंधन देखेगा कि जिन छात्रों पर जिस-जिस तरह के आरोप लगे हैं, उनमें उनकी कितनी संलिप्तता रही है। यही नहीं, जो दो छात्र इस वक्त न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं, उनको लेकर क्या रिपोर्ट पुलिस की आती है, उसे भी देखा जाएगा। उसके बाद संस्थान तय करेगा कि किस छात्रों को होस्टल से निकाला जाए, किसको संस्थान से और किसे वार्निंग देकर छोड़ा जाए। बता दें कि छह छात्रों व दो छात्राओं की विभिन्न अनवांटेड गतिविधियों में संलिप्तता सामने आई है।
हालांकि अनुशासन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी है, लेकिन छात्रों के लिए जो गाइडलाइन बनी है, उसके अनुसार प्रबंधन हर छात्र को फिजिकली सुनवाई का एक मौका देता है। उनके माता-पिता से भी बात की जाती है। इसके बाद बीओडी में तय होता है कि ऐसे छात्रों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाना चाहिए। विदित रहे कि 23 अक्तूबर अल सुबह एनआईटी हमीरपुर में एमटेक प्रथम वर्ष के एक छात्र की कमरे में मौत हो गई थी। मौत का कारण कथित नशे का सेवन बताया गया था। उसी दिन पुलिस ने संस्थान के दो छात्रों और दो ड्रग पैडलर को भी गिरफ्तार किया था, जो कि मौजूदा समय में ज्यूडिशियल रिमांड पर हैं। उसके बाद कुछ स्टडेंट्स को चरस के साथ, कुछ को हुड़दंग मचाते और दो छात्राओं को नशे में धुत्त पकड़ा गया था।
प्रो. अर्चना नानोटी, रजिस्ट्रार एनआईटी हमीरपुर ने बताया कि संस्थान के जिन भी छात्रों की अनवांटेड गतिविधियों में संलिप्तता सामने आई है, उन्हें फिलहाल अपना पक्ष रखने का एक आखिरी मौका दिया जाएगा। उनके अभिभावकों को भी बुलाया जाएगा। उसके बाद तय होगा कि क्या एक्शन लेना है। हम सब यहां छात्रों के लिए ही बैठे हैं। उनसे हमारा कोई बैर नहीं है, लेकिन अनुशासन में सबको रहना होगा।