हिमाचल प्रदेश में अब बाहरी राज्यों से आने वाले कर्मिशयल गाड़ियों पर स्पेशल रोड टैक्स 70 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले रजिस्टर्ड कमर्शियल गाड़ियों के प्रवेश पर लगाए जाने वाले एसआरटी को 60 से 70 प्रतिशत कम किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में जल्द अधिसूचना जारी होने की संभावना है.
एसआरटी को कम करने से राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और आपदा की मार झेल रहे पर्यटन कारोबारी के लिए राहत होगी. बता दें कि कि हिमाचल सरकार द्वारा बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर एसआरटी लगाए जाने का पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के टैक्सी यूनियनों ने विरोध किया था. बाहरी गाड़ियों के राज्य में प्रवेश नहीं करने से हिमाचल पर्यटन और होटल उद्योगों में गिरावट आई थी. जिसको लेकर टैक्सी यूनियन और पर्यटन कारोबारी ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की थी. जिसमें सीएम ने एसआरटी को कम करने की बात कही थी.
बता दें कि 1 सितंबर से हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर विशेष पथ कर लगाया गया है. जिसके अनुसार गाड़ियों में यात्रियों की बैठने की क्षमता अनुसार 3000 हजार से 6000 तक का कर लगाया गया था. अब पांच से 10 लोगों के बैठने की क्षमता वाले वाहनों से प्रतिदिन 500 रुपये, 10 से 22 लोगों के बैठने की क्षमता वाले वाहनों से 750 रुपये प्रतिदिन और 23 से अधिक व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले वाहनों से 1,500 रुपये प्रतिदिन का शुल्क लिया जाएगा. वहीं, पांच सीटों से कम बैठने की क्षमता वाली टैक्सियों को अब प्रति दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा.
अखिल भारतीय पर्यटक परमिट के तहत अन्य राज्यों में पंजीकृत कॉन्ट्रैक्ट कैरिज वाहनों के लिए एसआरटी को 13-22 के बीच बैठने की क्षमता वाले वाहनों के लिए 3,000 रुपये से घटाकर 500 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है. अधिकारियों ने कहा बद्दी, नालागढ़ और बरोटीवाला के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों के लिए एसआरटी को भी तर्कसंगत बनाया गया है. औद्योगिक क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर कर लगाने की प्रक्रिया बनाई गई है, जिससे 8 से 10 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होगा.