हिमाचल प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और धार्मिक स्थलों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार नई-नई योजनाएं बना रही है. हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है. यहां हर जगह पर मंदिरों के दर्शन होते हैं. प्रदेशभर में देवी-देवताओं का वास है. मंदिरों के उत्थान और ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर के साथ जुड़ाव महसूस कर सकें, इसके लिए मंदिर प्रशासन भी हमेशा प्रयासरत रहते हैं.
“जय माँ श्री चिंतपूर्णी जी”
श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा प्रदान करते हुए ऑनलाइन प्रसाद प्रणाली की शुरुआत की। जिसमें माता की चुनरी, चरणामृत, तस्वीर, प्रसाद और शृंगार की सामग्री उपलब्ध होगी।
अब श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से माँ का प्रसाद मंगवा सकते हैं।
इसी कड़ी में अब चिंतपूर्णी मंदिर में ऑनलाइन प्रसाद की सुविधा मिलेगी. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी मंदिर में अब श्रद्धालु ऑनलाइन प्रसाद ऑर्डर कर सकते हैं. चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं के लिए यह नई सुविधा शुरू की गई है. जो इच्छुक श्रद्धालु किसी कारणवश चिंतपूर्णी मंदिर में नहीं आ पाते हैं, उनके लिए यह सुविधा बेहद फायदेमंद रहेगी.
चिंतपूर्णी मंदिर में इस नई सेवा के शुभारंभ पर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मां चिंतपूर्णी के दरबार को भव्य रूप दिया जा रहा है. जिसमें सरकार और मंदिर ट्रस्ट श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मां चिंतपूर्णी के प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं की भारी डिमांड को देखते हुए ऑनलाइन प्रसाद सुविधा को शुरू करने का फैसला लिया गया. अब श्रद्धालु मात्र ₹1100 में घर बैठे प्रसाद ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. वहीं, इस सेवा के तहत सभी श्रद्धालुओं को माता की चुन्नी, प्रसाद, भोग और चरणामृत मुहैया करवाया जाएगा.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को ‘3-D दर्शन’ की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है. प्रदेश में सुगम दर्शन योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसके जरिए चिंतपूर्णी मंदिर को श्रद्धालुओं से करीब ₹1 करोड़ मिले हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए एचआरटीसी द्वारा धार्मिक स्थलों के लिए बसें चलाई जा रही हैं.