सोलन पुलिस ने विदेश भेजने का प्रलोभन देकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। क्रिप्टो करंसी फर्जीवाड़ा की तरह ही इस गिरोह के तार भी बाहरी राज्यों व कई अन्य देशों तक जुड़े है। इस गिरोह ने करीब 600 लोगों से डील क्लिक कर ली थी तथा फर्जीबाड़े के मास्टर माइंड अकेले गुरप्रीत के दो अकाउंट से 40 लाख रुपए की ट्रांजेक्शन होने की पुष्टि भी हो चुकी है। पुलिस के अनुसार यह एक बहुत बड़ी हेराफेरी का मामला है क्योंकि विदेशों से भी इस गिरोह के सदस्यों के अकाउंट में ‘मनी ट्रांसफर’ होने का पता चला है। हिरासत में लिए आरोपी ओमान, सउदी अरब, बांग्लादेश व पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय से भी फेसबुक व कॉल सेंटर में नियुक्त लड़कियों के माध्यम से संपर्क करके उन्हें कनाडा भेजने की एवज में पैसे ऐंठते थे। सोलन पुलिस द्वारा 27 अक्तूबर को धर्मपुर अस्पताल रोड पर अवैध रूप से चलाए जा रहे इस कॉल सेंटर में रेड की गई। यह कॉल सेंटर एक बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल में थ्री रूम सेट में चल रहा था जिसे मैसर्ज स्टोन एंरप्राइजेज, प्रोपराइटर गुरप्रीत सिंह पुत्र दीनानाथ निवासी परसराम नगर बठिंडा पंजाब के नाम पर जून से किराए पर ले रखा था।
रेड के दौरान पुलिस को कॉल सेंटर पर तीन लडक़े मिले जिनमें उपरोक्त प्रोपराइटर गुरप्रीत सिंह, इंद्रजीत सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी मिनी सचिवालय रोड बठिंडा और गुरप्रीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी एकता कलोनी बठिंडा मौजूद थे। उनसे पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि तीनों कनाडा जाने के इच्छुक लोगों का वीजा लगाने का काम करते है। इसके लिए इन्होंने सात मोबाइल फोन व दो लैपटॉप रखे है तथा इस काम के लिए चार स्थानीय लड़कियों को भी दस हजार रुपए के वेतन पर रखा हुआ है। जांच में पाया गया कि इस कार्य के लिए इन्होंने सरकार द्वारा कोई मानयता प्राप्त रजिस्ट्रेशन नहीं करवाई है तथा सफिरन कॉरपोरेशन के नाम से अपनी आईडी व ऑफिस का संचालन करते है। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि आरोपियों ने हजारों लोगो से संपर्क स्थापित किया और इनके पास से बरामद की गई पांच नोटबुक्स में 600 से ज्यादा लोग ऐसे पाए गए जिनसे करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया है, जिनके सभी दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है। तीनों आरोपियों को आईपीसी की धारा-420 व 34 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
सोलन के धर्मपुर में किराए पर लिए गए तीन कमरों के सेट में इन शातिरों ने चार लड़कियों को दस हजार ममासिक वेतन पर कार्यालय में रखा था। ये लड़कियां सारा दिन मोबाइल फोन से कनाडा जाने वाले इच्छुक लोगों से संपर्क करती थी तथ डील क्लिक हो जाने के बाद उन्हें डायरी में नोट कर लिया जाता था।
पुलिस ने इंटेलीजेंस टीम के आधार पर मिले इनपुट पर कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह ने बताया कि 600 के करीब लोग इनके संपर्क में आ गए थे तथा इनको अभी तीन महीने ही इस रैकेज को संचालित करते हुए थे।
हिमाचल के बॉर्डर एरिया में बैठकर यह शातिर पंजाब सहित अन्य राज्यों व विदेशों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। ये सभी आरोपी स्वयं भी बठिंडा के रहने वाले है। इनसे सात मोबाइल फोन व दो लैपटॉप भी बरामद किए है।