हिमाचल प्रदेश में संगठित अपराध को टैकल करने के लिए कानून बनाया जाएगा। यह बात उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने सर्किट हाउस ऊना में पत्रकार वार्ता के दौरान कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी विधानसभा में संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एक्ट लाने जा रही है। एक्ट लागू होने के बाद अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएगी। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि अब तक नशेडियों से 20 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में अभी तक नशे के कुल 1575 मामले सामने आ चुके है, जिसमें साढे 11 किलोग्राम चिट्टा पकड़ा गया है। वर्ष 2022 में नशे के 1195 मामलों में आठ किलोग्राम चिटटा पकड़ा गया था। इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले 39 प्रतिशत अधिक चिटटा पकड़ा गया है, जबकि 23 मामलों में 13.51 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गई। सात मामले में 46 करोड़ संपत्ति ईडी को भेजी गई है।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटटे नशे को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। प्रदेश में 1400 पुलिस जवानों की तैनातियां की जाएगी।
केंद्र वाटर सेस पर राजनीति कर रही है। प्रदेश सरकार को अपने संसाधन अर्जित करने का पूरा अधिकार है। उत्तराखंड कोर्ट का भी फैसला आया है, जिसमें इसे संवैधानिक माना है। वाटर सेस के लिए चार हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित किए है, जिस पर पुर्नविचार कर 1842 करोड़ किए है।
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय प्रदेश में क्रिप्टो का खेल धड़ल्ले से चलता रहा। इसमें दो हजार करोड़ रुपए की राशि इनवाल्व रही। एक लाख लोग झांसे में लिए गए। इस घोटाले में लोगों का 400 से 500 करोड़ रुपए की राशि फंस गई है। अभी तक इस मामले में दस लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है।