जल शक्ति विभाग समुद्रतल से करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर सिंचाई परियोजना का निर्माण कर कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि देश में इतनी ऊंचाई पर अभी तक कोई सिंचाई परियोजना का निर्माण नहीं हुआ है। इस परियोजना के बन जाने से लाहुल के सबसे सूखाग्रस्त क्षेत्र तांदी पंचायत हरा भरा हो जाएगा। सूखे के कारण पंचायत के कुछ गांव को पलायन करने तक की नौबत आ गई। खैर अब यह इलाका जल्द पानी से तर हो जाएगा।
जल शक्ति विभाग केलांग ग्रेटर हिमालय की पर्वत श्रंखलाओं को काटकर तांदी पंचायत के 21 गांव के लिए खंडीप सिंचाई परियोजना का कर रहा है। इस सिंचाई परियोजना की लंबाई 5 किमी 470 मीटर होगी। नाबार्ड के तहत इस परियोजना पर 9 करोड़ 32 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस सिंचाई परियोजना से तांदी पंचायत की 2 हजार बीघा जमीन सिंचित होगा। तांदी संगम के ठीक ऊपर बसे तांदी पंचायत के ग्रामीण पिछले कई दशकों से पानी के लिए तरस रहे हैं। बताया जाता है कि पंचायत के लिए सबसे पहले 1952 के आसपास सुमनम नहर के नाम से एक सिंचाई परियोजना का निर्माण शुरू हुआ लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी पानी नहीं पहुंच सका। तांदी पंचायत के ग्रामीण दशकों से पानी के लिए हुक्मरानों से संघर्ष करते आ रहे हैं। लेकिन अब जाकर ग्रामीणों का संघर्ष रंग लाता दिख रहा है।
जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता हरी प्रकाश भारद्वाज का कहना है कि 15 हजार फुट की ऊंचाई पर सिंचाई परियोजना का निर्माण करना किसी चुनोती से कम नहीं है। इतनी ऊंचाई पर निर्माण के समय हादसों का हमेशा खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि इस नहर के मुख्य स्रोत तक पहुंचने में पूरा एक दिन का समय लग जाता है। इस नहर का मुख्य स्रोत 18 हजार फुट पर स्थित गंगसटांग हिमनद है। भारद्वाज ने बताया कि इस परियोजना में 5 हजार मीटर के दायरे में 325 एमएम की पाइप बिछाई जाएगी जबकि महज 15 मीटर लंबी सीसी लाइन बनेगी। उन्होंने कहा कि साल 2024 के अंत तक परियोजना का निर्माण पूरा किया जाएगा।